सीधी

दसवें दिन सिर मुड़ाकर आंदोलनकारियों ने किया अनोखा प्रदर्शन।

दसवें दिन सिर मुड़ाकर आंदोलनकारियों ने किया अनोखा प्रदर्शन।

जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लगाए नारे।

सीधी : उपखंड मझौली के ग्राम मूसामूड़ी में टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा की अगुआई में अपनी जमीन और जिंदगी बचाने की जारी जंग में कल 27 सितम्बर को भूख हड़ताल दसवें दिन भी जारी रही। दसवें दिन रणमत सिंह गोड़ और गुलाब सिंह गोड़ को अधिग्रहित भूमि की मिट्टी का तिलक लगाकर मझौली जनपद की अध्यक्ष सुनैना सिंह एवं जिला पंचायत सदस्य मड़वास नीता कोल के द्वारा अनशन पर बैठाया गया।

भूख हड़ताल स्थल पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि जिसने जमीर और ईमान का सौदा कर लिया है वो मृतक समान होता है वो शरीर से भले चलता फिरता नजर आता हो वास्तविक में वो जिंदा लाश होता है। सीधी का जिला प्रशासन भी प्रदेश सरकार के चरणों मे अपने जमीर को बिछा दिया है तथा आर्यन पावर कम्पनी के टुकड़ा में अपने ईमान को बेचे हुए है। तभी तो 18 सितंबर से मूसामूड़ी के किसानों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल 10 दिन भी जारी है लेकिन जिला प्रशासन सीधी का कोई भी नुमाइंदा अनशनकारी किसानों की मांगों के समाधान के बारे में बात नहीं किया। किसानों से बात न करना जिला प्रशासन के मृतक होने का ही सबूत है। फर्जी भूमि अधिग्रहण के बाद जो कानूनी प्रावधान किसानों के पक्ष में है उस अनुरूप कार्यवाही की मांग को लेकर अधिग्रहण प्रभावित किसान न्याय के लिए बार-बार आवेदन एवं आंदोलन के माध्यम से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सीधी जिले का जिला प्रशासन मुर्दा बना है इसलिए परंपरा के अनुसार मृतक के दसवें दिन मुंडन कराकर शुद्ध होने का रिवाज है। इस संस्कार के अनुरूप आज अनशन स्थल को  घटौंधा (वह जगह जहाँ सिर के बाल बनवाये जाते हैं) मानकर मुंडन कराकर किसान भूख हड़ताल पर बैठे।

वहीं प्रभावित किसान एवं कार्यकर्ता टोंको,रोको,ठोंको क्रांति मोर्चा शिवकुमार सिंह ने कहा कि 10 दिन से हम लोग लगातार भूख हड़ताल पर बैठे हैं इसके संबंध में प्रशासन को ज्ञापन पत्र भी दिया जा चुका है और अखबारों में भी समाचार प्रकाशित हुआ है लेकिन प्रशासन के तरफ से आज तक कोई नुमाइंदा नहीं आया और शासन के प्रतिनिधि निर्वाचित विधायक और सांसद होते हैं वे लोग भी नहीं आए इसलिए हम लोग मान रहे हैं कि शासन व प्रशासन मुर्दा हो चुका है इसलिए मुर्दा का दाह संस्कार करना हम लोगों की परंपरा है उसी का निर्वहन करते हुए हम लोगों ने आज दसवे दिन परंपरा के तहत शासन प्रशासन का दाह संस्कार का दिन मानकर बाल मुंडन कराकर शुद्धिकरण के पश्चात भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

जबकि जनपद अध्यक्ष मझौली सुनैना सिंह ने कहा कि किसानों की हड़ताल जायज है इसलिए वे उनका समर्थन करने आई हैं और आगे किसानों द्वारा जिस तरह आंदोलन के संबंध में कार्य योजना बनाई जाएगी उनका सहयोग और समर्थन बराबर करेंगी।

महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सीधी कमलेश सिंह ने क्षेत्रीय विधायक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग से विधायक होने के बावजूद आदिवासियों के दुख दर्द और लूट उनको नहीं दिख रही है इसलिए ऐसा संवेदनहीन जनप्रतिनिधि को आप लोग याद रखना। आंदोलन के समर्थन में प्रमुख रूप से नीता कोल जिला पंचायत सदस्य वार्ड मड़वास, सुनील सिंह जनपद सदस्य, आनंद सिंह शेरगांव, दिलीप तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता, अतुल सिंह, राम बहोर बैगा जनपद सदस्य चमराडोल, संतोष तिवारी,बलराज सिंह, रमेश कुशवाहा उपाध्यक्ष जनपद पंचायत मझौली, रामनरेश कुशवाहा, लालाराम तिवारी,राकेश गुप्ता, देवेंद्र पांडेय,श्रीनिवास साकेत सामाजिक कार्यकर्ता, ललन सिंह सरपंच एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं में भूपेंद्र कुशवाहा, सत्यदेव सिंह,विजय बहादुर सिंह शाहिद काफी तादात में ग्रामीण शामिल रहे रहे। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता जगन्नाथ जायसवाल बकवा के द्वारा किया गया।

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