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उज्जवला की महिलाओं को नहीं मिलेगी सस्ती गैस। 

उज्जवला की महिलाओं को नहीं मिलेगी सस्ती गैस। 

उज्ज्वल का लाभ सिर्फ उन महिलाओं को जो लाड़ली बहना में हैं पंजीकृत। 

सस्ती गैस के फार्म न भरे जाने से महिलाओं में सरकार के प्रति भारी आक्रोश। 

सीधी 

जिले की जिन महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है उनको ही सस्ती गैस मिलेगी। साथ ही जिन लाड़ली बहनों के नाम से स्वयं का गैस कनेक्शन है उन्हें भी इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। जिले की जो महिलाएं किन्हीं कारणों से लाड़ली बहना योजना के लाभ से वंचित हैं उन्हें किसी प्रकार से कोई राहत नहीं मिलेगी।

बताते चलें कि सीधी जिले में करीब ढ़ाई लाख महिलाओं को उज्जवला योजना से फ्री रसोई गैस सिलेंडर मिला था। जिसमें केवल दो य तीन प्रतिशत की रिफिल होती है। शेष उज्जवला गैस कनेक्शन घरों के शोभा बने हुए हैं। महिला गैस कनेक्शनधारी गैस की कीमत ज्यादा होने के कारण उसका नियमित रूप से रिफिल नहीं करा रही हैं। इस तरह सीधी जिले में उज्जवला गैस कनेक्शनों की रिफिल न के बराबर है।

सबसे हैरत की बात तो यह है कि  मुख्यमंत्री द्वारा लाड़ली बहनों के लिए 450 रुपए में रसोई गैस देने के लिए आदेश जारी कराने के बाद भी सीधी जिले में नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायत स्तर पर पंजीयन का कार्य नहीं किया जा रहा है। ऐसा आभास होता है कि जिले के संबंधित अधिकारी इस प्रत्याशा में हैं कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाए और लाड़ली बहनों का नया पंजीयन तथा रसोई गैस के लिए पंजीयन का कार्य न कराना पड़े। इसी वजह से महिलाओं में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है।

तत्संबंध में चर्चा के दौरान नगर पालिका क्षेत्र सीधी की कई लाड़ली बहनों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि यहां रसोई गैस पंजीयन के लिए कोई व्यवस्था अभी तक नहीं बन सकी है। नगर पालिका द्वारा कहा जा रहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं रसोई गैस एजेंसियों का चक्कर काटने पर वहां से भी यही जवाब दिया जा रहा है। बाजार से भी लाड़ली बहनों के लिए रसोई गैस के पंजीयन का कार्य नहीं हो पा रहा है। इस वजह सेे यहां की लाड़ली बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस की योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

चर्चा के दौरान महिलाओं का कहना था कि 1 अक्टूबर को मुख्यमंत्री द्वारा रसोई गैस के लिए राशि लाड़ली बहनों के खाते में भेजने की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिल रही है। ऐसे में समझ में नहीं आ रहा है कि जब यहां की महिलाओं का रसोई गैस के लिए पंजीयन का कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है तो आखिर राशि कैसे मिल सकेगी। महिलाओं का कहना था कि ऐसा आभाष हो रहा है कि जिन अधिकारियों को रसोई गैस के पंजीयन के संबंध में जो जिम्मेदारी दी गई थी वह सरकार के आदेश को सीधी जिले में लागू नहीं करना चाहते हैं। लाड़ली बहनें सस्ते दामों में रसोई गैस पाने के लिए कई दिनों से भटक रही हैं और अब उनका सब्र जवाब दे चुका है। उन्हें यकीन हो चुका है कि यह आदेश केवल कागजों में ही लागू किया जा रहा है।

930 रुपए में भरानी होगी रसोई गैस 

लाड़ली बहनों को पहले स्वयं से गैस एजेंसियों को 930 रुपए देकर गैस भरानी होगी। उसके बाद ही उनके खाते में 480 रुपए सब्सिडी के रूप में आएगा। जब गरीब महिलाओं के पास 930 रुपए होंगे तभी वह रसोई गैस की रिफिल ले पाएंगी। 200 रुपए गैस के दाम घटने के बाद भी उज्जवला गैस कनेक्शनधारी महिलाएं रसोई गैस की रिफिल नहीं ले पा रही हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार की लाड़ली बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस उपलब्ध करानें की योजना का लाभ काफी कम लाड़ली बहनें ही ले पाएंगी। गरीब परिवारों की लाड़ली बहनें 930 रुपए की व्यवस्था न हो पाने के कारण गैस की रिफिल नहीं ले रही हैं। उनका कहना है कि जब पैसा उनके पास होगा तभी रसोई गैस की रिफिल लेने के बारे में सोचेंगी।

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