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50 हजार में मिल रहा है स्कूलों के प्राचार्य का प्रभार

50 हजार में मिल रहा है स्कूलों के प्राचार्य का प्रभार

जिला शिक्षा कार्यालय में खुलेआम लग रही बोली

अमरवाह स्कूल के अटैच शिक्षक कर रहे हैं दलाली

सीधी : जिले में इन दिनो भ्रष्टाचार का खासा बोलबाला है। खुलेआम अधिकारी स्थानांतरण प्रभार देने के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। सहायक आयुक्त राजेश सिंह छात्रावास अधीक्षक से स्थानांतरण करने के नाम पर एक लाख रुपया मांग रहे थे जिन्हें लोकायुक्त ने 80 हजार की दूसरी किस्त में घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा। ऐसा ही कुछ हाल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का भी है। जहां हाई स्कूल और हायर सेकण्ड्री स्कूल के प्रचार्य का प्रभार 50-50 हजार रुपये में नियम विरुद्ध तरीके से दिया जा रहा है। जिसकी शिकायत संयुक्त संचालक रीवा, कलेक्टर सीधी से की जा चुकी है।

जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षक अपने खास रिस्तेदारों को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरवार से डीईओ कार्यालय में अटैच कर लिया है। यहां अटैच अध्यापक खुले आम दलाली का काम करते देखे जा रहे हैं। कई तो स्वयं डीईओ बने हुये हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यायलय भरतपुर में तीन वरिष्ठ शिक्षक, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक के होते हुये कनिष्ट अध्यापक जिनका संविलियन तक शिक्षा विभाग में नहीं हो पाया है, उसे प्रभारी प्रचार्य पैसा लेकर बना दिया गया। शाउमावि खड्डी का प्रभार ऐसे बदनाम शिक्षक को दे दिया गया। जिनके द्वारा विद्यालय की छात्राओं से अश्लील बात की जाती थी। इसी तरह जिले की दर्जनो हाई स्कूल और हायर सेकेन्ड्री स्कूलो का प्रकार सुविधा शुल्क लेकर दे दिया गया है। जिस जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ही स्कूलो की व्यवस्था अपने निजी स्वार्थ के लिए चौपट करने में तुले हो तो ऐसे जिले की शिक्षा व्यवस्था कैसे बेहतर हो सकती है।

जिले के सांसद, विधायकों का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। यही कारण है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इन दिनों लूट का अड्डा बना हुआ है।

अमरवाह के 4 हैं अटैच

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरवाह के शिक्षक, अध्यापक एवं लिपिक नियम विरुद्ध तरीके से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच है। जो कि डीईओ के लिए दलाली करते नजर आते हैं। स्थानंतरण, प्रभार, मान्यता, जांच आदि के नाम पर अवैध वसूली करते हैं। अमरवार के यह चारों अटैच कर्मचारी जिला शिक्षा कार्यालय में काफी चर्चित हैं। यदि किसी कनिष्ट शिक्षक को अपनी संस्था का प्रमुख बनना है तो उनके माध्यम से ही पूरी सौदेबाजी शुरू होती है। सौदा फिट होने के बाद इनके माध्यम से ही रिश्वत की रकम पहुंचाने की व्यवस्था है।

डीईओ पर होगी एफआईआर ?

जिला शिक्षा अधिकारी सीधी डॉ. प्रेमलाल मिश्रा के विरुद्ध रीवा में किये गये घोटाले पर दोषी पाये जाने पर सिविल लाइन थाने में प्रकरण लम्बित है। जिसकी विवेचना पूर्ण कर ली गई है शीघ्र ही उनके विरुद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज होगा। डॉ. प्रेमलाल मिश्रा जब रीवा में पदस्थ थे तो उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से बडे पैमाने पर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया था। जिसकी शिकायत संभागीय कार्यालय के साथ ही भोपाल कार्यालय तक पूरे साक्ष्य के साथ पहुंची। इसके बाद किसी तरह उनके ऊपर जांच कार्रवाई शुरू की गई। जिसके वह फंसे हुए हैं।

जमकर हो रही है वसूली

जिले के 153 से ज्यादा हायर सेकेन्ड्री एवं हाई स्कूलों के मरम्मत के लिए 3-3 लाख रुपये आये थे। जिसमें विद्यालय के प्राचार्य के बताये अनुसार भवनों के मरम्मत, पोताई आदि करना था। जिला शिक्षा अधिकारी संविदाकारों से मिल कर शासन को करोड़ो का चूना लगाया है। संविदाकार 3 लाख में स्कूलों की पोताई एवं थोड़ी बहुत मरम्मत करा कर डीईओ से मिल कर अपनी राशि आहरण करा ली। जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलो के प्राचायों से जबरन कायों का सत्यापन करा का अपने नीहित स्वार्थ के कारण संविदाकारों को लाभ पहुंचाने में कोई कोताही नहीं की।

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