मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा का नाम बदल कर आर्थिक अपराधी बचाओं शाखा किए जाने की मांग – अनुरोध शुक्ला
सिंगरौली: सरकारी या निजी संपत्ति का दुरुपयोग आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है. इसमें संपत्ति की चोरी, जालसाजी, धोखाधड़ी आदि शामिल हैं. ऐसे मामलों में आर्थिक अपराध की कैटेगरी के हिसाब से केस दर्ज किया जाता है और अपराधियों की गिरफ्तारी की जाती है लेकिन सिंगरौली जिले में ऐसा बिल्कुल नहीं है यह सब बातें वरिष्ठ पत्रकार अनुरोध शुक्ला ने कहीं हैं उन्होंने आर्थिक अपराध शाखा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अनुरोध शुक्ला के द्वारा आरोप लगाया है कि आर्थिक अपराध शाखा जो शासन के द्वारा आर्थिक अनियमितता की रोकथाम के लिए बनाया गया है पर आर्थिक अपराध शाखा रीवा अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है जिसके दस्तावेज देखने से यह प्रतीत होता है कि आर्थिक अपराध शाखा विभाग मात्र अपराधियों को संरक्षण देने के लिए ही खोला गया है। सिंगरौली जिला बनते समय सिंगरौली जिले के कई गांवों की भूमियों को बगैर किसी आदेश के एवं ऊपर लेखन एवं सफेद स्याही लगाकर फर्जी तरीके से मध्यप्रदेश शासन की भूमियों को कई भू स्वामियों के नाम दर्ज करने का शिकायत होने के बाद रिकॉर्ड जप्त कर कोई आज तक कार्यवाही नहीं की जा रही है और रिकार्ड जप्त के बाद जांच के नाम पर और रिकॉर्ड के परीक्षण के नाम पर कई वर्षों से अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है
वरिष्ठ पत्रकार श्री शुक्ल ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा रीवा द्वारा दिनांक01/03/13 को निरीक्षक बीएल पनारिया के द्वारा रिकॉर्ड जप्त किया गया था जिसमें न्यायालय प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट देवसर में प्रस्तुत परिवाद होने के बाद वर्ष 2015 में ग्राम कटदहा भर की नियमित अपराध 28 / 15 और 10 वर्षों बाद तमाम शिकायतों के बाद ग्राम करी के संबंध में नियमित अपराध 109/22 दर्ज किया गया है जबकि उक्त 2013 के जब्ती पत्रक में ग्राम कर्री का रिकॉर्ड भी जप्त किया गया था किंतु आर्थिक अपराध शाखा द्वारा कोई अपराध कायम नहीं किया गया था और रिकार्डों को अपने पास रख कर समय-समय पर उक्त गांवों में आकर के वसूली की कार्यवाही कर रिकॉर्ड को अपने पास ही रखें रहने जिस के कारण लोगों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं इसके संबंध में कोई विचार नहीं किया जा रहा है और जब उक्त प्रकरणों की नकल मांगी जाती है तो यह लेख किया जाता है कि प्रकरण विवेचना में है उक्त दस्तावेजों की नकल नहीं दी जा सकती है जिसके कारण राजस्व विभाग के सक्रिय भूमाफिया गिरोह कई वर्षों से बचने में कामयाब हो रहा है
अनुरोध शुक्ला ने मांग कि हैं कि आर्थिक अपराध शाखा का नाम बदलकर के आर्थिक अपराधी बचाओ शाखा किए जाए। क्योंकि जिला सिंगरौली के प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी वह रिकॉर्ड परीक्षण का बहाना बनाकर कई वर्षों से जांच के आधार पर संरक्षण दिया जा रहा है जैसे उपखंड देवसर के दायरा पंजी वर्ष 2011-12 में सफेद स्याही लगाकर के कई व्यपबर्तन प्रकरणों को अदला-बदली करना, जिले में रखे मूल रिकॉर्ड खतौनी 1958-59 में ऊपर लेखन कराना एवं खसरा 19 81 से लेकर19 85 तक में ऊपर लेखन एवं तहसील में रखे रिकार्डो 1996 से लेकर के वर्ष 2010 से 11 तक के रिकार्डों में ऊपर लेखन एवं सफेद स्याही का उपयोग करने के प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद भी और देवसर तहसील के तहसीलदार द्वारा 22 ग्रामों की फर्जी पट्टा निरस्त की सूची जारी करने के बाद भी आर्थिक अपराध शाखा जांच के नाम पर अपराधियों को बचाने का कार्य कर रहा है इसलिए इसका नाम बदलकर आर्थिक अपराधी बचाव शाखा किया जाए और इसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या तो मजिस्ट्रेट जांच कराए जाने की मांग की गई है