सीधी
जिले भर के पेट्रोल पंपों में मूलभूत सुविधाओं का टोंटा,प्रशासनिक अमले को जांच पड़ताल से नहीं है सरोकार,कैरोसीन से चल रहे भारी माल वाहक।
प्रशासनिक ढिलाई के चलते पेट्रोल पंप संचालक मनमानी कर रहे हैं। अधिकारी केवल जांच करने का आश्वासन देते हैं पर जांच कार्रवाई होती नहीं है। शहर के अंदर ही वाहन मिट्टी तेल से चल रहे हैं और अफसरों के सामने ही काला धुंआ उड़ाते निकल जाते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शहर में वर्षों से वाहनों के धुएं की जांच नहीं हुई। नगर के पेट्रोल पंपों में नागरिक सुविधाओं की आज भी उपेक्षा की जा रही है जबकि शासन द्वारा कई सुविधाएं निर्धारित की गई है। पेट्रोल पंपों द्वारा निरंतर इन सुविधाओं की उपेक्षा कर मनमानी की जा रही है। कुछ पेट्रोल पंपों में मिलावट की भी शिकायतें मिलती रहीं हैं इसके बावजूद इनकी सतत जांच किए जाने की बजाय इन्हे छूट दी जा रही है।
सीधी :
शासन द्वारा ग्राहकों को कितनी सुविधाएं दिए जाने के प्रावधान हैं और उनमें से कितना और किस तरह से पालन किया जा रहा है यह कभी नहीं देखा जाता है। पेट्रोल पंप संचालक मनमानी कर रहे हैं। पेट्रोल पंपो में ग्राहकों के लिए फर्स्ट ऐड बाक्स रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आकस्मिक रूप से आवश्यकता पडऩे पर ग्राहक को तत्काल प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन किसी पंप के पास फर्स्ट ऐड बाक्स नहीं है। पेट्रोल पंपों के संचालक ग्राहकों के लिए यह सुविधा देने की आवश्यकता ही नहीं समझते। उल्टा एक पंप संचालक द्वारा यह कहा गया था कि ग्राहक यहां तेल भरवाकर चला जाता है उसे यहां उपचार की क्या आवश्यकता है। पेट्रोल पंपों की हालत तो यह है कि यदि कभी स्वयं उनके कर्मचारियों को भी चोट लग जाए अथवा तबियत खराब हो जाए तो पंप में प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। उन्हे अस्पताल भेज दिया जाता है। किसी भी पेट्रोल पंप में सार्वजनिक रूप से शिकायत पंजी नहीं रखी गई है कि जिससे पेट्रोल पंप की सेवाओं से असंतुष्ट ग्राहक उसमें अपनी शिकायत दर्ज कर सके। पेट्रोल पंपों में डीजल पेट्रोल की चोरी किए जाने की शिकायत आम तौर पर बनी रहती है। अक्सर कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों से अभद्रता भी की जाती है। लेकिन यह बात कंपनी तक नहीं पहुंच पाती है। कभी कभी लोग खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से शिकायत अवश्य करते हैं लेकिन उस विभाग के द्वारा भी इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
उधर पेट्रोल पंपों में मौजूद कुछ वाहन चालकों ने चर्चा के दौरान कहा कि स्थिति यह है कि पेट्रोल पंपों में निर्धारित कीमत देने के बाद भी पेट्रोल सही माप में नहीं मिलते। यहां मौजूद कर्मचारी दो पहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों में पेट्रोल डालते वक्त काफी तेज रफ्तार में टंकी में छोंडते हैं और अचानक सप्लाई बंद कर देते हैं। जिससे मनमानी तौर पर कई प्वाइंट नंबर आगे बढ़ जाता है। इसके बाद वह अपनी कलाबाजी दिखाते हुए फिर से टंकी में ईधन डालना शुरू कर देते हैं। टोंकने के बावजूद यहां मौजूद कर्मचारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। जो कर्मचारी ज्यादा पुराने हैं वह इसमें पूरी तरह से एक्सपर्ट हो चुके हैं।
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