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विधानसभा निर्वाचन के दृष्टिगत में जिले में धारा 144 प्रभावशील।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री मालवीय ने जारी किए आदेश

विधानसभा निर्वाचन 2023 के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही संपूर्ण सीधी जिले में निर्वाचन की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। विधानसभा निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने तक जिले में कानून और व्यस्था बनाये रखने तथा निर्वाचन शांतिपूर्वक संपन्न कराने कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी साकेत मालवीय ने संपूर्ण सीधी जिले की सीमाओं में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेशों की घोषणा की है। यह प्रतिबंध दिनांक 9 अक्टूबर 2023 से 05 दिसंबर 2023 अपरान्ह 5 बजे तक लागू रहेंगे। वर्तमान परिस्थितियों की आदेश की व्यक्तिगत तामीली संभव नहीं है इसलिए यह आदेश एक पक्षीय रूप में जारी किया गया है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विभिन्न संचार माध्यमों से इसकी सूचना आमजनता को दी जाये।

जारी आदेशानुसार इस आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि तक सम्पूर्ण सीधी जिले में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति जुलूस, रैली या आमसभा आदि का आयोजन न करें और न संचालन करें तथा न ही उसमें सम्मिलित हो। यदि अपरिहार्य कारणों से ऐसा करना आवश्यक हो तो आयोजन की तिथि के न्यूनतम 02 (दो) कार्य दिवस पूर्व आयोजन स्थल की सम्पूर्ण जानकारी सहित संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करें एवं नियमानुसार अनुमति प्राप्त किये जाने के बाद ही आयोजन करें। कोई भी व्यक्ति अपने अग्नेयशस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, एम.एल. गन, बी.एल. गन, कारतूस आदि एवं अन्य तेज धार वाले घातक अस्त्र जैसे फरसा, तलवार, भाला, चाकू, छूरा, बरछी, लोहंगी आदि लेकर न चलेगा और न ही उसका उपयोग करेगा या सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित करेगा। कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा आदि अपने साथ लेकर नहीं चलेगा और न ही उसका उपयोग करेगा। जुलूस, रैली, आमसभा आदि के लिये ‘‘समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों‘‘ को उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत ‘‘विहित प्राधिकारी‘‘ घोषित किया गया है। समस्त जुलूस, रैली, आमसभा आदि का आयोजन केवल विहित प्राधिकारी की अनुमति से ही किया जा सकेगा। विधानसभा निर्वाचन, 2023 हेतु आदर्श आचरण संहिता के प्रभावशील रहने के दौरान आयोजित होने वाले दशहरा, नवदुर्गा, दीपावली एवं अन्य त्यौहारों तथा सामाजिक कार्यों के आयोजन हेतु यदि धार्मिक परम्परा के अनुसार आमसभा, जुलूस एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग अपरिहार्य हो तो संबंधित आयोजकों को आयोजन के कम से कम 02 कार्य दिवस पूर्व संबंधित ‘‘विहित प्राधिकारी‘‘ के समय आवेदन प्रस्तुत कर नियमानुसार अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

यह आदेश निम्नलिखित व्यक्तियों तथा आयोजनों पर लागू नहीं होगा- मजिस्ट्रेट (ड्यूटी पर), शासकीय सेवक (ड्यूटी पर), सुरक्षाबल, प्रांतीय सशस्त्रबल, मध्यप्रदेश पुलिस, होमगार्ड, राज्य तथा केन्द्रीय सुरक्षाबल के सदस्यों, बैंक के सुरक्षा गार्डों तथा पर जो कि कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा ड्यूटी हेतु अपने पास हथियार रखने के लिये अधिकृत किये गये हैं, जिले में स्थित सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के सुरक्षा कर्मियों पर, सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों पर जिनकी धार्मिक परम्परा के अनुसार कृपाण साथ में रखने की परम्परा है तथा अन्य व्यक्ति जिनको जिला दंडाधिकारी द्वारा या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के द्वारा अनुमति पत्र दिया गया हो।

जिला दंडाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक सीधी को आदेश को संबंधित थाना प्रभारियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार तथा परिपालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस आदेश की सूचना सर्व साधारण जनता को पूरे जिले में ध्वनि-विस्तारक यंत्रों द्वारा की जाये एवं आदेश की प्रति का प्रकाशन जिला कार्यालय, तहसील कार्यालयों, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय, सम्बंधित पुलिस थाना के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जावे एवं दैनिक समाचार पत्रों में भी इसका प्रकाशन समाचार के रूप में जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया जावे।

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