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विंध्य विकास प्राधिकरण का अधिकारी 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ाया, रीवा लोकायुक्त ने की कार्रवाई जानिए पूरा मामला डीटेल्स में

निर्माण कार्य के बिल भुगतान की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे विंध्य विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी राजेश कुमार साकेत को लोकायुक्त(lokayukt) संगठन की टीम ने उन्हीं के कार्यालय में 30000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पड़ा है। कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद राजेश कुमार साकेत को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

लोकायुक्त नहीं उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर मामले को विवेचना में लिया है। मेरी जानकारी के अनुसार उक्त शिकायत रंजीत सिंह निवासी ग्राम सुजावल तहसील नागौर जिला सतना दज कराई थी जिसके बाद कार्रवाई की गई है।

शिकायतकर्ता रंजीत सिंह निवासी ग्राम सुजावल तहसील नागौर जिला सतना ने शिकायत की थी कि वह ग्राम पंचायत माझियारी का उप सरपंच है उसकी पंचायत में पक्की नाली निर्माण एवं ग्रेवल रोड निर्माण का कार्य कराया गया है।जिसकी राशि स्वीकृत हो चुकी है जिसकी एक किस्त भी प्राप्त हो गई है , शेष राशि निकालने के लिए राजेश कुमार साकेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी विंध्य विकास प्राधिकरण रीवा द्वारा 40000 रूपए की रिश्वत मांगी जा रही है।

जिसमें से 10000 रूपए पहले ही ले लिए गए हैं।इस बात का सत्यापन लोकायुक्त संभाग रीवा के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ द्वारा कराया गया तो वास्तविकता में आरोपी राजेश कुमार साकेत द्वारा शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांगी की गई। जिस पर से बुधवार को ट्रेप कार्यवाही की गई थी। कार्रवाई में प्रमेंद्र कुमार निरीक्षक, प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक, प्रमेंद्र कुमार निरीक्षक, सहित 15 सदस्यीय टीम शामिल रहे।

कलेक्टर की रिपोर्ट पर SDM और तहसीलदार को सस्पेंड किया आयुक्त ने किया कारवाई जानिए डिटेल्स में क्या मामला था

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