बड़ी खबरसिंगरौली

SINGRAULI NEWS: ओबी कंपनी कलिंगा,चड्ढा,सहित कंडोई मनमानी पर उतारू बेरोजगार सिंगरौली के युवा,स्थानीय बेरोजगारों को नही मिल रही प्राथमिकता..

सिंगरौली जिले मे एनसीएल परियोजना निगाही एवं अमलोरी में कार्य करने वाली ओबी कंपनियां मनमानी पर उतारू हैं। आरोप है कि ओबी कंपनियां स्थानीय लोगों को रोजगार देने में परहेज कर उन्हें अपात्र करते हुये किनारे कर दे रही हैं।

दरअसल एनसीएल परियोजना निगाही एवं अमलोरी में कलिंगा ओबी कंपनी,चड्ढा ,कन्डोई समेत सिकल ओबी कंपनी पर आरोप है कि जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन नही कर रही हैं।जिसके चलते बेरोजगार युवक रोजगार के लिए अमलोरी में धरना भी दे रहें हैं। यहां के बेरोजगार युवकों का आरोप है कि उक्त ओबी कंपनियां अपने चहेतों को रोजगार दे रही हैं। इसके कर्ताधर्ता इन दिनों काफी सक्रिय हैं।बेरोजगार युवक यहां तक कह रहे हैं कि जिन लोगों की भर्ती उक्त ओबी कंपनियों में की जा रही है। यदि उनके तकनीकी ज्ञानों की जांच करादी जाये तो कई चौकाने वाले मामले उजागर हो जाएगें।उक्त कंपनियों के जिम्मेदार मौन हैं बल्कि बाहर दलालों का जमवाड़ा लगा रहता है। यहा के कई कंपनियों के बाहर दलालों का बोलबाला है।रीवा से लेकर यूपी तक के दलाल सक्रिय हैं।जिसके कारण स्थानीय विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार नही मिल पा रहा है और सिंगरौली के बेरोजगार ओबी कंपनियों में चक्कर लगाते-लगाते निराश हो जाते हैं।ओबी कंपनियों के कर्ताधर्ता कोई न कोई कारण बताकर अपात्र करते हुये खाली हाथ लौटा देते हैं।सिंगरौली जिले में बढ़ती बेरोजगारी से जिला प्रशासन,जनप्रतिनिधियों मध्यप्रदेश सरकार भी भली भांति परिचित है लेकिन युवाओं के रोजगार देने के मामले में ये सभी अनजान बने हुए हैं।अगर रोजगार की बात की जाए तो केवल रोजगार मेला व कागजों तक सीमित है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।

साहब हम वोटर हैं वोट बैंक नही,
हमे रोजगार दो,बेरोजगार है हम

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में चुनाव आते ही तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता हर बार की तरफ बिन बादल बरसात की तरफ वादों की झड़ी लगाने में एक दूसरे से पीछे नही रहते।लेकिन सिंगरौली जिले में विकास की जमीनी हकीकत की अगर बात की जाए तो मध्य प्रदेश की उर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली वैसे तो आज के दौर में अपनी पहचान बिजली, कोयला ,सोना उत्पादन के रूप में बना चुकी है।इस इलाके में खनिज संपदा का भंडार है। यहां बड़ी मात्रा में बिजली, कोयला और सोने का उत्पादन हो रहा है। यही वजह है कि प्रदेश को सबसे अधिक यहां से राजस्व प्राप्त होता है।यहाँ अडानी,अंबानी सहित दर्जनों कंपनियां कार्यरत्त होने के बावजूद युवा बेरोजगारी सहित मूलभूत सुविधाओं से जिला जुंझ रहा है।सूत्रों की माने तो सिंगरौली जिले में ओबी कंपनियां भी स्थानीय युवा को दरकिनार कर बाहरी लोगों कंपनी के दलाल व गुर्गों के जरिये अपने यहाँ रोजगार दे रहे हैं।या फिर जिनकी सत्ता पक्ष के नेताओ से पकड़ है उन्हें इन कंपनियों में प्राथमिकता दी जा रही है।सिंगरौली जिले के नेता बेरोजगारी व विकास की बात तो करते हैं लेकिन जितने के बाद खुद के विकास के साथ साथ अपने लोगो का विकास करने में व्यस्त हो जाते हैं।और उन्हें वोट देने वाली जनता वोट बैंक बनकर रह जाती है।।

ये भी पढ़े ख़बर

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का ऐलान, एमपी में होगी एक हजार डॉक्टर व 3500 स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति – जनिये डीटेल्स में

यह पोस्ट आपको कैसा लगा ?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button