सिंगरौली

SINGRAULI NEWS: नहीं हो रहा कचरे का निस्तारण, बलियरी में बन गया कचरे का पहाड़

सिंगरौली। सिंगरौली शहर के कचरे को उठाने से लेकर निस्तारण तक का ठेका सीटाडेल कंपनी को दिया गया है। 2019 से सिंगरौली नगर निगम में काम कर रही सीटाडेल द्वारा कचरे का सही से प्रबंध न करने से बलियरी रेलवे लाईन के ऊपर कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। नियम तो था कि कचरे से खाद बनायी जायेगी जिसकी बिक्री की जायेगी परन्तु ना तो खाद बनी और ना ही नगर निगम द्वारा इसकी बिक्री की गयी। जो नाम मात्र की खाद बनी भी वह मात्र फोटो खिंचाने तक ही सीमित रह गयी। सीटाडेल कंपनी द्वारा कचरे के निस्तारण के लिए लिया गया लाखों रूपये का ठेका बिना काम किये हड़प लिया गया और एनजीटी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। बताया जाता है कि नगर निगम इलाके में जो भी पशु मरते हैं उन्हें भी गड्ढा खोदकर गाड़ने का नियम बनाया गया है जबकि सीटाडेल कंपनी द्वारा मृत पशुओं को खुले में फेंक दिया जाता है और मृत पशुओं के सड़ने से निकल रही दुर्गन्ध से आस-पास के लेागों का जीना मुहाल हो गया है। 2019 से काम कर रही सीटाडेल कंपनी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रही है परन्तु जिम्मेदारों को यह सब दिखायी नहीं देता। 

व्हाट्सएप्प फेसबुक पर चल रहा स्वच्छता अभियान

स्वच्छता अभियान चलाकर फेसबुक व्हाट्सएप पर वाहवाही लूटने वाली सीटाडेल की हकीकत यह है कि शहरवासी कचरे के बीच जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं और कंपनी भ्रष्टाचार कर मोटी कमाई कर रही है।  शहर से 1 किलोमीटर दूरी पर ही खुले मैदान में कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया।  इससे आस-पास के लोगों को बदबूदार हवा की वजह से सांस लेने में दिक्क्त हो रही हैं।  बलियरी के कचरा डंपिंग इलाके में पशुओं का जमावड़ा हर समय बना रहता है।  कचरा गाड़ी पहुंचते ही जानवर डंप किए गए कचरे में अपने भोजन की तलाश में जुट जाते हैं और कचरा तथा पालीथिन खाकर अपना पेट भरते हैं और इससे उनकी मौत हो रही है। 

कचरे का सही से निस्तारण न होने से मिट्टी, हवा, पानी हो गया प्रदूषित

कचरे का सही से निस्तारण न करने के कारण नगर निगम क्षेत्र की मिट्टी, हवा व पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है। इससे आस-पास के लोगों को भी बदबूदार हवा की वजह से सांस लेने में दिक्क्त हो रही हैं। बलियरी के कचरा डंपिंग इलाके में पशुओं का जमावड़ा हर समय बना रहता है। कचरा गाड़ी पहुंचते ही जानवर डंप किए गए कचरे में अपने भोजन की तलाश में जुट जाते हैं और कचरा तथा पालीथिन खाकर अपना पेट भरते हैं, जिसकी वजह से पशुओं में बीमारी होने का भय बना रहता है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन व नगर निगम में कई बार इसकी शिकायत दर्ज करा चुकें है, लेकिन इस मामले को लेकर न तो जिला प्रशासन गंभीर है और न ही नगर निगम।

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