पिता कर रहे थे मजदूरी, बेटे ने फोन कर कहा- पापा मैं SDM बन गया हूं- इसके बाद पिता ने लगा दी जाने डीटेल्स में सब कुछ
UPPSC Success Story क्षेत्र के गांव नारंगपुर निवासी सुभाष सिंह ट्रैक्टर चालक हैं। गांव के ही किसान का ट्रैक्टर दहाड़ी मजदूरी पर चलाते हैं। परिवार में पत्नी के अलावा बड़ा बेटा हिमांशु बेटी ज्योति कीर्ति व छोटा बेटा दीपांशु हैं। हिमांशु ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई गांव मुबारकपुर स्थित उषा देवी इंटर कालेज से की थी। उसके बाद हिमांशु को उनके मामा अपने साथ ले गए।
हौंसला व परवरिश के साथ यदि मेहनत की जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। ऐसा ही मजदूर के बेटे हिमांशु ने कर दिखाया है। यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर हिमांशु एसडीएम बन गए हैं। उन्हें 36वीं रैंक मिली है। जिस समय हिमांशु ने पिता सुभाष सिंह को काल कर चयन की खुशखबरी दी थी, उस समय वह मजदूरी पर ट्रैक्टर चला रहे थे। बेटे के अधिकारी बनने के बाद स्वजन में हर्ष का माहौल है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
मामा के घर रहकर की पढ़ाई
क्षेत्र के गांव नारंगपुर निवासी सुभाष सिंह ट्रैक्टर चालक हैं। गांव के ही किसान का ट्रैक्टर दहाड़ी मजदूरी पर चलाते हैं। परिवार में पत्नी के अलावा बड़ा बेटा हिमांशु, बेटी ज्योति, कीर्ति व छोटा बेटा दीपांशु हैं। हिमांशु ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई गांव मुबारकपुर स्थित उषा देवी इंटर कालेज से की थी। उसके बाद हिमांशु को उनके मामा अपने साथ ले गए।
दोनों मामा भी एसडीएम हैं तथा एक की तैनाती उन्नाव तो दूसरे की तैनाती मैनपुरी में है। मामा ने हिमांशु का प्रवेश जनपद बुलंदशहर के बुगारसी स्थित जनता इंटर कालेज में करा दिया। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद मामा ने उन्हें दिल्ली भेज दिया था। जहां से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। जबकि हिमांशु की दोनों बहन एएनएम का कोर्स कर चुकी हैं तथा छोटा भाई दीपांशु होटल मैनेजमेंट की पढाई कर रहे हैं।
पिता ने बच्चों की पढ़ाई के साथ नहीं किया समझौता
मजदूर पिता सुभाष सिंह ने चारों बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया है। हिमांशु ने प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है तथा उन्हें 36वीं रैंक मिली है। बुधवार को सुभाष सिंह प्रतिदिन की तरह ट्रैक्टर लेकर मुरादाबाद के गांव गोवर्धन में खेत समतल करने गए थे।
वहीं पर उनके पास बेटे हिमांशु की काॅल आई तथा कहा कि पापा मैं एसडीएम बन गया हूं। इसकी जानकारी मिलते ही सुभाष ने घर की दौड़ लगा दी औरअन्य सदस्यों को दी। जानकारी होने पर बधाई देने के लिए उनके घर रिश्तेदार व गांव के लोगों का तांता लगा है। मिठाई बांटी जा रही है। हिमांशु के दादा भीमसेन का कहना है उनके बेटे ने गांव का नही जिले का नाम रोशन किया है।
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