पथरिया क्षेत्र के युवाओं को पलायन से मिली मुक्ति, डिस्पोजल उद्योग ने दी ग्रामीणों को रोजगार की सौगात
पथरिया विधानसभा में जहाँ युवा वर्ग रोजगार की समस्या से जूझ रहा है वहीं मजदूर वर्ग रोजगार के लिए बड़े शहरों के लिए पलायन करने पर मजबूर है ऐसी स्थिति में पथरिया विधानसभा के बांसा कलां ग्राम में नो फ़िकर इंडस्ट्रीज की शुरुआत के साथ ही 32 क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार मिल गया है
पथरिया विधानसभा में जहाँ युवा वर्ग रोजगार की समस्या से जूझ रहा है वहीं मजदूर वर्ग रोजगार के लिए बड़े शहरों के लिए पलायन करने पर मजबूर है ऐसी स्थिति में पथरिया विधानसभा के बांसा कलां ग्राम में नो फ़िकर इंडस्ट्रीज की शुरुआत के साथ ही 32 क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार मिल गया है जिसमें बांसा कलां, नंदरई एवं सजिया ग्राम के युवाओं को पहली प्राथमिकता के साथ रोजगार दिया गया है, नो फ़िकर इंडस्ट्रीज के संचालक अभिनव मुखुटी ने बताया कि नो फ़िकर संस्था के NGO तथा समाचार के क्षेत्र में कार्य के उपरांत नो फ़िकर इंडस्ट्रीज की शुरुआत की गई है जिसमें कागज के डिस्पोसल का निर्माण किया जायेगा, बड़े बड़े संस्थानों एवं कारखानों में जहाँ 100 कि.मी. दूरी तक के निवासियों को रोजगार नहीं दिया जाता किंतु नो फ़िकर संस्था में 5 कि.मी. परिक्षेत्र के निवासियों को ही रोजगार में पहली प्राथमिकता दी जायेगी, इसके तहत कर्मचारियों से ही हिंदू विधि से पूजन कर 32 युवाओं को रोजगार दिया गया है, वर्तमान समय में दोना निर्माण की 12 यूनिट के साथ शुरुआत की गई है भविष्य में मशीनों की संख्या में वृद्धि कर पत्तल, प्लेट और गिलास का निर्माण भी किया जायेगा जिसमें 200 से अधिक क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार देने का प्रयास रहेगा, वहीं रोजगार प्राप्त युवाओं से बात की तो नंदरई निवासी मुकेश विश्वकर्मा, अन्नू नामदेव एवं रवि पटेल ने बताया कि हमारे क्षेत्र में रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं था जिस वजह से हमें बाहर रोजगार के लिए जाने मजबूर होना पड़ता था लेकिन अब क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध होने से हम जैसे मेहनतकश युवाओं को घर नहीं छोड़ना पड़ रहा है, वहीं सजिया निवासी रेवाराम पटेल, गोवर्धन पटेल ने बताया कि फैक्ट्री शुरू होने से हम जैसे छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के साथ रोजगार कर पा रहे हैं जिससे हम शिक्षा के साथ अपने परिवार का भी सहयोग कर पा रहे हैं, वहीं बांसा कलां निवासी देवकी नंदन चौबे, फूल सिंह एवं प्रशांत रैकवार ने बताया कि इस कार्य में न तो वजन उठाने की समस्या है और न धूप की परेशानी जिस वजह से यह कार्य मजदूरी से बहुत बेहतर है
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