सिंगरौली – कबाड़ के अवैध कारोबार पर क्यों हाथ नहीं डाल रही सरई पुलिस, जानिए क्या है आखिर मामला
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के द्वारा अवैध कारोबारियो के ऊपर कड़ी करवाही करने का सक्त निर्देश दिया गया था ऐसा ही मामला इन दिनों सरई थाना क्षेत्र में थाने से लगभग महज 100 मीटर की दुरी पर अवैधकबाड़ का गोरखधंधा चरम पर है।
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के द्वारा अवैध कारोबारियो के ऊपर कड़ी करवाही करने का सक्त निर्देश दिया गया था ऐसा ही मामला इन दिनों सरई थाना क्षेत्र में थाने से लगभग महज 100 मीटर की दुरी पर अवैधकबाड़ का गोरखधंधा चरम पर है। इसके अलावा सई क्षेत्र के कई छोटे कस्बों में भी कवाड़ का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। थाना से लेकर निगरानी से जुड़े अन्य अमले के साथ कवाडियों की जबरदस्त सेटिंग होने के कारण उनके प्रति किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती है। थाने से लेकर सारी जगह उनका जुगाड़ पानी से ही काम चल जाता है। इन दिनों कबाड़ का अवैध कारोबार पूरे सरई में जोरों पर है। जानकारों की मानें तो जगह-जगह कबाड़ी सक्रिय हैं जिन्हें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि यह कबाड़ी चैबीसों घंटे शासन-प्रशासन और जनता को चूना लगा रहे
आप को बता दे कि सार्वजनिक जाहों से जरूरत की चीजों को क्षति तो पहुंचाया हो जाता है. इस बात से जनता काफी परेशान है। साथ हो लोगों की निजी सम्पत्तियों की भी चोरी हो जाती है जे चोरों द्वारा कबाड़ियों को हो बेचा जा
बिना लाइसेंस और प्रशासन को अनुमति के बिना भी होता है करोड़ों का कारोबार। इस कारोबार में किसी का नहीं है नियंत्रण। धड़ल्ले से फल-फूल रहा है अवैध कारोवार। छोटे बच्चों को धंधे में लगा कर धकेल रहे अपराध की
व्यवसाय पर अंकुश नहीं लग पा रही है, जिससे लोगों के नवनिर्मित भवनों, सार्वजनिक स्थलों में लोग अपनी जरूरत की चीजों पर हाथ साफ करने में इन दिनों चोर और कबाड़े दोनों सक्रिय है। जिसके कारण चोर लोह, तांबे और प्लस्टिक के सामानों को चुरा कर कवाडियों को बेच देते हैं। शहर में हो सार्वजनिक जगहों में लगेलोहेको चीजों को काटकर क्षति पहुंचाया जा रहा है। इस समय जिले में कबाड़ी अपने अवैध कारोबार को खूब फैला रखे हैं, उनके इस कार्य में अंकुश न लगने पर ऐसा प्रतीत होता है कि शायद पुलिस प्रशासन की अंदरूनी सहमति मिली हुई है। यही कारण है कि पुलिस के नाक के नीचे कबाड़ी ध? ल्ले सेकाम को अंजाम देते हैं। ज्यादातर कबाड़े शहरी एवंकस्बाई क्षेत्रों के आसपास सक्रिय है। इनके खेल को रात के समय क्षेत्रों में देखा जा सकता है जहां चोरी के कीमती सामानों को ताकर कबाड़ियों को सौंपा जाता है।
कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो साल में करोड़ों का कारोबार करते हैं। जिले में इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सिर्फ एक स्टाक जिस्टर को जरूरत होती है। स्टॉक जिस्टर में खरीद-बिक्री किए गए समान को दर्ज कर इस व्यवसाय को
आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकवेक नहीं होता है। मजेदार बात यह कि जिले में दर्जनों से भी अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो बेरोकटोक बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से जिले में दिन दिन कनाड़ियों की संख्या में बढ़ती जा रही है।
बिना जांच के कट रही है गाड़ियां
कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटर साइकिल एवं अन्य चोरियों के समाना को बेधड़क खरीद रहे हैं। इस व्यवसाय में जिले के बाहर से आए लोग सक्रिय हैं। उनके द्वारा ही जिले में इस व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। आलम यह है कि पुलिस कबाड़ियों पर नकेल नहीं कस पा रही है। कभी कभार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी की जाती है। जिले में अक्सर सोलार प्लेट, साइकिल बाइक चोरी की घटनाएं होती रहती है। दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी हो रहीं हैं। साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती। बाइक और साइकिल चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती समान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर करोड़ों कमाते है। यहां लाखों का माल खपत हो रहा है। यहां तक कि चोरी का सामान भी कबाड़ी तक आकर औने पौने दाम में बेचते हैं जिन्हें कि रातोरात गलाने का काम कबाड़ व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है। जिले में अवैध कबाड़ का धंधा दिनों दिन फल-फूल रहा है। हर महीने करोड़ों का कारोबार कबाड़ के अवैध ठिकानों से हो रहा है। सूत्र बताते है कि पुलिस अपने क्षेत्र में संवालित कबाड़ कारोबारियों से हर महीने सुविधा शुल्क वसूलकर पूरी मनमानी की छूट प्रदान कर रही है।
शहरमें दर्जनों से ज्यादा है कबाड़ के ठिकाने
सिंगरौली शहर में अकेले ही दर्जनों से ज्यादा कबाड़ के बड़े ठिकाने संचालित हो रहे है जिनमें लाखों का माल रोजाना पहुंचता है। कबाडियों के ठिकाने में चोर गिरोहों द्वारा कीमती तोहे, पीतल, तांबा की सामग्री तक पहुंचाई जाती है। कबाड़ कारोबारी चोरी का माल भापकर इसे काफी कम कीमत में खरीद लेते हैं बाद में इन्हें बाहर ले जाकर कई गुना ज्यादा दामों में बेच देते हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार कबाड़यिों के ठिकाने में महंगे मशीनरी पार्ट्स भी पहुंच रहे है जिसको अपनी सुविधा के अनुसार ठिकाने लगाया जा रहा है। कबाड़ी अपने यहां से कीमती सामानों को रात के समय बड़े वाहनों में नीचे छिपाकर लोड करा देते हैं जो बाहर जाकर कई गुना ज्यादा महंगे दामों में बिकते हैं। सूत्र बताते है कि उनके ठिकाने पर पुलिसकर्मियों की आवाजाही भी सुविधा शुल्क वसूली के लिये लगातार बनी रहती है। साथ ही थाना में भी मोटा नजराना हर महीने पहुंचाया जाता है।