MP NEWS – जब चला जाऊंगा, तब याद आऊंगा’… तो क्या चला चली की बेला में हैं शिवराज सिंह चौहान
इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज भोपाल – लक्टूबर के दूसरे सप्ताह में एमपी में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। वहीं, बीजेपी में सीएम पद के चेहरे को लेकर द्वंद की स्थिति है। पार्टी खुलकर चेहरे को लेकर खुलासा नहीं कर रही है। अभी एमपी की लड़ाई पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ी जा रही है। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान यह संकेत देने लगे हैं कि अब चला चली की बेला है। बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मौके आए, जब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इशारों-इशारों में यह संकेत दिए हैं।
रविवार को वह अपने गृह जिले सीहोर में थे। सीहोर में कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि मेरी बहना, ऐसा भैया नहीं मिलेगा, मैं चला जाऊंगा, तब याद आऊंगा। शिवराज सिंह चौहान के लिए यह भावुक कर देने वाला पल था। सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। क्या पार्टी ने उन्हें संकेत दे दिए हैं कि आप अगली बार दावेदार नहीं है। या फिर उनके समकक्ष के लोगों को उतारकर यह जता दिया है कि पार्टी के पास कई विकल्प हैं।
अधिकारियों को जता दिया आभार
इस बयान से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले प्रदेश के आला अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बल्लभ भवन में मीटिंग की थी। यहां भी उन्होंने लोगों को काम के लिए आभार जताया था। साथ ही कहा था कि जन कल्याणकारी योजनाएं रुकनी नहीं चाहिए। इसे लेकर कांग्रेस ने कहा था कि यह सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए चला चली की बेला है। इसलिए अफसरों को आभार जता रहे हैं।
पीएम मोदी ने नहीं किया जिक्र
वहीं, भोपाल में जब कार्यकर्ता महाकुंभ का आयोजन किया गया तो पीएम मोदी ने उनका नाम नहीं लिया। साथ ही फ्लैगशिप योजना लाड़ली बहना योजना का जिक्र भी नहीं किया। ऐसे में सियासी गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पार्टी ने इस बार शिवराज सिंह चौहान को संकेत दे दिया है। शिवराज सिंह चौहान एमपी में 19 साल से मुख्यमंत्री हैं।
पार्टी के नेता उनकी योजनाओं का जिक्र कर विकास कार्यों के लिए उन्हें क्रेडिट दे रहे हैं। लेकिन चेहरे के नाम पर सब चुप्पी साध लेते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब भोपाल में रिपोर्ट कार्ड जारी करने आए थे तब उनसे सीएम शिवराज को लेकर सवाल किया गया था। सीएम उनके बगल में बैठे थे। अमित शाह ने कहा था कि अभी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं। आगे का काम पार्टी को करने दीजिए लेकिन 2023 में चेहरा कौन है, इसे लेकर कुछ नहीं किया।
जन आशीर्वाद यात्रा में भी दिए संकेत
वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान अकेले जन आशीर्वाद यात्रा को लीड कर रहे थे। 2023 में बीजेपी उनके समकक्ष के पांच चेहरों को जन आशीर्वाद यात्रा में उतार दिया। पार्टी की तरफ से यह दलील दी गई कि अकेले होने की वजह से टाइम अधिक लगता था। इसलिए ज्यादा चेहरों को उतारा गया है। पार्टी ने इस यात्रा के जरिए 220 सीटों को कवर किया था।
सीएम शिवराज को हो गया है एहसास
दरअसल, सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी के अंदर की राजनीति को देखकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को यह एहसास हो गया है कि आगे क्या होने वाला है। शायद यही वजह है कि उन्होंने जिन प्रोजेक्ट्स को शुरु किए थे, उसे पूरा होने से पहले ही शुभारंभ करने लगे हैं। साथ ही सीएम उसी मूड में आ गए हैं। उनका आगे का भविष्य चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगा।
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