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कैसे पता लगाएं बच्चा तेज दिमाग वाला है या नहीं? आईक्यू लेवल बढ़ाने के लिए अपनाएं ये तरीके – जाने विस्तार में

 

बच्चे की परवरिश में जुटे सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और स्मार्ट बने। इसके लिए आपको अपने बच्चे का अवलोकन करना होगा और उसके व्यवहार को देखकर ही आप समझ सकती हैं कि उसका आईक्यू कैसा है। रेणु की लाख कोशिशों के बाद भी दीप्तांश के नंबर इस बार भी एवरेज ही आए, जबकि उसकी पढ़ाई में रेणु ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस वजह से वह बहुत निराश हो गई। नन्हा दीप्तांश भी उदास था। उसे इन सबमें कहीं भी अपनी गलती नहीं नजर आ रही थी। यह केवल रेणु की समस्या नहीं है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग वाला बने, ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाए। इसके लिए अभिभावक उनके खाने-पीने से लेकर अच्छा स्कूल खोजने और अच्छा माहौल देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन बच्चे के स्मार्ट होने और उसके आईक्यू लेवल के अच्छे होने में बड़ा अंतर है।

 

 

आईक्यू मतलब इंटेलिजेंस कोशियंट। यह एक बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाता है। कई शोध बताते हैं कि अगर बचपन से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर बच्चों का आईक्यू लेवल 90 से 110 के बीच होता है। 125 से 130 आईक्यू लेवल होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बच्चे का आईक्यू कैसा है? इसे जानना इतना भी मुश्किल नहीं, बस बच्चे का थोड़ा अवलोकन करें और उसके व्यवहार को देखें-समझें।

 

 

अलका सोनी

बच्चे की परवरिश में जुटे सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और स्मार्ट बने। इसके लिए आपको अपने बच्चे का अवलोकन करना होगा और उसके व्यवहार को देखकर ही आप समझ सकती हैं कि उसका आईक्यू कैसा है। रेणु की लाख कोशिशों के बाद भी दीप्तांश के नंबर इस बार भी एवरेज ही आए, जबकि उसकी पढ़ाई में रेणु ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस वजह से वह बहुत निराश हो गई। नन्हा दीप्तांश भी उदास था। उसे इन सबमें कहीं भी अपनी गलती नहीं नजर आ रही थी। यह केवल रेणु की समस्या नहीं है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग वाला बने, ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाए। इसके लिए अभिभावक उनके खाने-पीने से लेकर अच्छा स्कूल खोजने और अच्छा माहौल देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन बच्चे के स्मार्ट होने और उसके आईक्यू लेवल के अच्छे होने में बड़ा अंतर है।

आईक्यू मतलब इंटेलिजेंस कोशियंट। यह एक बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाता है। कई शोध बताते हैं कि अगर बचपन से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर बच्चों का आईक्यू लेवल 90 से 110 के बीच होता है। 125 से 130 आईक्यू लेवल होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बच्चे का आईक्यू कैसा है? इसे जानना इतना भी मुश्किल नहीं, बस बच्चे का थोड़ा अवलोकन करें और उसके व्यवहार को देखें-समझें।

जल्दी बोलना

सबसे पहले ध्यान दें कि बच्चे ने किस उम्र में बोलना शुरू किया है? उस की शब्दों को कैच करने की क्षमता कितनी है? कोई भी शब्द वह कम गलतियों के साथ बोल रहा है या बार-बार उसे सिखाना पड़ रहा है? उसने पूरे वाक्य बनाना कब सीखा? ये छोटी-छोटी बातें हैं, लेकिन इनसे आपको अपने लाडले या लाडली के भावी जीवन के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है। जल्दी बोलना, शब्दों को पकड़ना और वाक्य बनाना हाई आईक्यू के लक्षण हो सकते हैं।

सीखने की ललक

सीखने की तीव्र इच्छा होना भी बच्चों के अच्छे आईक्यू के लक्षण होते हैं। उनके मन में कई तरह के कोलाहल या उथल-पुथल मची रहती है, जिस को शांत करने के लिए वे प्रश्न पूछ सकते हैं। उन प्रश्नों के यथासंभव उत्तर देने की कोशिश करें, ताकि बच्चा संतुष्ट हो सके। अगर बच्चा आप के कामों को दोहराने की कोशिश कर रहा है तो यह भी उसके उच्च मानसिक स्तर का परिचायक हो सकता है।

जटिल विषयों में रुचि

अगर आपका बच्चा गणित और विज्ञान जैसे विषयों में रुचि ले रहा है तो यह आपके लिए खुश होने वाली बात है। अपनी उम्र से अधिक जटिल विषयों में रुचि लेना भी हाई आईक्यू का सूचक माना जाता है।

 

 

जिज्ञासु प्रवृत्ति

जिज्ञासु बच्चे अजीबोगरीब प्रश्न पूछकर माता-पिता को निरुत्तर कर देते हैं। मसलन, नल से पानी क्यों आता है, कॉफी क्यों नहीं आती? दूध का रंग सफेद क्यों होता है? नदी बहती क्यों है? कई बार माताएं परेशान हो जाती हैं। लेकिन आप थोड़ा धैर्य रखें। जितना हो सके, उनके प्रश्नों का सही जवाब देने की कोशिश करें।

 

एकाग्रता

अगर बच्चा एक जगह या काम के प्रति एकाग्र हो रहा है तो यह साबित होता है कि उसको अपना काम करने में अच्छा लग रहा है। उसका एकचित्त होकर चेस खेलना या ड्राइंग करना भी उसके आईक्यू तेज होने का सूचक है।

सेंस ऑफ ह्यूमर

अगर आपका बच्चा मजाक करने पर भी नहीं चिढ़ रहा है और उसके पास सामने वाले की बात का सही और दिलचस्प जवाब है तो यह भी हाई आईक्यू होने की निशानी है। अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर एक खुशमिजाज इंसान की पहचान होती है।

अच्छी याददाश्त

अक्सर बच्चों को आज कुछ सिखाओ तो अगले दिन वे भूल जाते हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे को चीजें याद रहती हैं तो यह अच्छी बात है। कठिन शब्द, राइम्स, फलों और सब्जियों के नाम याद रखना, अपने घर का पता और माता-पिता के फोन नंबर याद रखना उच्च मानसिक क्षमता के लक्षण हैं।

कैसे बढ़ाएं आईक्यू

बच्चे के सामने अभद्र भाषा का प्रयोग न करें और न ही उसे मारें-पीटें। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रकृति के बीच समय बिताने दें। बच्चा जब सवाल पूछना शुरू करे, तब यथासंभव उसके प्रश्नों का सही और वैज्ञानिक जवाब दें। बच्चे को कभी भी भूत, प्रेत, जानवर, रहस्यमयी व्यक्ति या अन्य चीजों से न डराएं। हमेशा बच्चों की आंखों में देखकर बात करें और कोशिश करें कि वह जब आप से बात करे तो वह भी आपकी आंखों में देख रहा हो।

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