सिंगरौली

ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन भू-अर्जन में जिला सिंगरौली की आम जनता के साथ छल- डीपी शुक्ला

सिंगरौली/- प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव डीपी शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन परियोजना में राजनेताओं एवं राजस्व विभाग को फायदा पहुंचाने के बाद वर्ष 2017 की तरह पुनः भ्रामक पत्र रेलवे द्वारा जारी किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि अर्जन शुरू करने के लिए 2017 में दिनांक 31/08/17 एवं 18/09/17 को गुमराह करने वाले पत्र जारी किए गए थे।इन्हीं दोनों पत्रों के आधार पर जुलाई 2020 में अवार्ड पारित कर राजनेताओं एवं सरकारी कर्मचारियों को फायदा पहुंचाया गया था। परियोजना के छूटे हुए रकवों के अर्जन में आम जनता(मूल भूमि स्वामी) को लाभ की संभावना थी,किंतु रेलवे विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों ने अपना हित्त न सधता हुआ देख राजस्व क्षति का बहाना कर कई रकवों को मूल स्थित के स्थान पर 2017 के अनुरूप अर्जित करने हेतु ज़िला प्रशासन को पत्र लिखा गया है।किंतु वर्ष 2020 में जिला सिंगरौली के पारित मूल एवार्ड में 80 परसेंट मकान एवं पर संपत्ति बने ही नहीं थे।मात्र रेलवे विभाग एवं राजस्व विभाग मिलकर कागजों पर ही मकान बनाकर के भुगतान अपने सगे संबंधियों के नाम कर चुके हैं।अब जो रकवे छूटे हुए हैं जिसमें 4 ग्रामों(कुर्सा, खमरिया कला,भलुगड़,झोंखो) में मकान अब भी बने हुए हैं।अब रेलवे विभाग को छूटे हुए नंबरों में आर्थिक क्षति होती दिख रही है और इन्हें नुकसान दिखने लगा है,जिसके आधार पर अवार्ड में न शामिल करने हेतु ज़िला प्रशासन को रेलवे पत्र लिख रहा है।श्री शुक्ला ने कहा है कि रेलवे विभाग के उप अभियंता (निर्माण) पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर,रीवा,सीधी ने जब कई राजनेताओं के परिजनों और राजस्व विभाग के परिजनों को कई अरबों रुपए का फायदा 2020 के मूल अवार्ड में पहुँचाया जा चुका है। उस स्थित में दिनांक 27/04/2023 को कलेक्टर सिंगरौली को पत्र लिखकर 27/10/2020 के पत्र के आधार पर उस पत्र में वर्णित नंबरों के बाद में हुए नामांतरण बंटवारा और नई संपत्तियां की निर्माण को अवार्ड में शामिल न करने हेतु उल्लेखित किया जाए।जबकि कलेक्टर सिंगरौली के द्वारा छूटे हुए नंबरों के संबंध में ग्राम खोभा और आमो के मूल नंबर का 27/10/2020 के पत्र जारी होने के बाद भी कई बटांकन राजस्व,रेलवे एवं राजनेताओं के परिजनों के नाम करने के बाद धारा 19 की कार्यवाही की जा चुकी है।जबकि जिन ग्रामों राजस्व, रेलवे एवं राजनेताओं के बजाय आम जनता को फ़ायदा हो रहा है वहाँ पूरी प्रकिया को बाधित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बार उक्त ग्रामों में वास्तविक भू स्वामी के मकानों का निर्माण हुआ है।चारों ग्रामों में किसी भी सामान्य वर्ग कि भूमियां प्रभावित बहुत कम हो रही अधिकतर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों की भूमियां प्रभावित हो रही हैं।इन मकानों एवं बटा नंबरों को छोड़ा जाएगा तो आम जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा।उन्होंने कहा कि अब तो कलेक्टर महोदय का दिनांक 27/10/20 का पत्र का हवाला दिया जा रहा है जबकि कलेक्टर कार्यालय से 08/09/2020, 27/10/20, 15/12 /2020 में तीन पत्र कलेक्टर के द्वारा छूटे हुए नंबरों पर रोक जारी हुए हैं,जबकि 2020 के पारित एवार्ड में कई गांवों में मकान एवं संपत्तियां थी ही नहीं उसके बाद भी राजस्व के कर्मचारियों के करीबी के नाम फर्जी परसंपत्ति एवं राजनेताओं के करीबी लोगों के नाम फर्जी परसंपत्ति दर्ज कर भुगतान किया गया है।श्री शुक्ला ने मांग किया है कि जिस तरह से ग्राम आमो एवं ग्राम खोभा का दोबारा छूटे हुए नंबरों का प्रकाशन कर अर्जन की कार्यवाही की जा रही है।उसी तरह ग्राम झोंकों,कुर्सा,खमरिया एवं भलूगढ़ की भी कार्यवाही करवाई की जाए।

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