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सिंगरौली एवं सीधी के शासन की भूमि की बंदरबांट एवं फर्जी मकान परसंपत्ति के मुआवजा वितरण का मामला गरमाया

जांच निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी एवं मोहित सक्सेना के खिलाफ हकीकत पर पर्दा डालने का लगा आरोप

ईओडब्लू रीवा को शिकायती पत्र देकर नारको टेस्ट कराने की मांग

सिंगरौली, देवसर निवासी डीपी शुक्ला ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ईओडब्ल्यू विभाग अरेरा हिल्स भोपाल को दिए अपने लिखित आवेदन में मांग की है की 2011 से चल रही सिंगरौली जिले के शासकीय भूमि का बंदरबांट का मामला जो नियमित अपराध क्रमांक 28 / 15 एवं मुआवजा वितरण भ्रष्टाचार की प्रारंभिक जांच क्रमांक 105 / 22 जांच ईओडब्ल्यू रीवा कार्यालय द्वारा की जा रही है जिसमें 28 / 15 की जांच निरीक्षक मोहित सक्सेना द्वारा करीब 12 सालों से जिला सिंगरौली के भ्रष्टाचार तंत्र की एक ढाल बनकर उनको संरक्षण दे रहे हैं जिसका प्रमाण ग्राम कटदहा तहसील देवसर वर्तमान तहसील सरई मे नियमित अपराध पंजीबद्ध 28/2015 में प्रतीत होता है इसी तरह कई अन्य गांवों में भी भ्रष्टाचारीयो के द्वारा शासन की भूमि को भूस्वामी दर्ज कर लिया गया था जिसकी शिकायत सेवा से पृथक पटवारी पुत्र अनुरोध शुक्ला के किए जाने पर वर्ष 2022 में ग्राम -कर्री, तहसील- देवसर, के संबंध में नया अपराध नियमित पंजीबद्ध किया गया इसी तरह ग्राम मझिगवां तहसील देवसर में भी लगभग 350 एकड़ के करीब बगैर किसी ठोस आधार के ग्राम कटदहा एवं ग्राम कर्री में दर्ज व्यक्तियों के द्वारा अपने एवं अपने करीबियों के नाम दर्ज कराया गया है जिसकी जांच मोहित सक्सेना के द्वारा आज तक नहीं की गई, और मात्र एक पटवारी भर को मनगढ़ंत आरोप लगाकर सेवा से पृथक राजस्व विभाग द्वारा कर दिया गया जिसकी जांच ग्राम मझगवां समेत अन्य गांव की जांच हो एवं फर्जी मुआवजा वितरण की जांच जो प्रवीण चतुर्वेदी निरीक्षक द्वारा की जा रही है उसकी भी जांच प्रमाणित होने के बाद भी नहीं की जा रही है जिसके प्रमाण हेतु कलेक्टर सीधी का पत्र दिनांक01/08/19, एवं कलेक्टर सिंगरौली का पत्र दिनांक 06/04/22, एवं रेलवे विभाग का पत्र दिनांक03/02/21,07/01/22 होने के बाद क्या वजह है कि ईओडब्ल्यू विभाग द्वारा जांच में हीला हवाली की जा रही है किसे फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह से आज 12 वर्षों से जांच चलने के बाद भी अपराधियों के चालान पेश नहीं किए जा रहे हैं ऐसे में मांग की जा रही है की ईओडब्ल्यू के निरीक्षक मोहित सक्सेना एवं प्रवीण चतुर्वेदी की नारको टेस्ट कराई जाय क्योंकि इनके द्वारा निष्पक्ष जांच नही की जा रही है,साथ ही जांच के दौरान गड़बड़ी सामने आने के बाद हकीकत को छिपाई जा रही हैं ऐसे में यदि नारको टेस्ट होता है तो सारी सच्चाई बयां कर देंगे,साथ इन अपराधों की जांच किसी भोपाल स्तर के अधिकारियों से कराने की मांग की गई है

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