🚨 BREAKING NEWS 🚨 सिंगरौली | विशेष रिपोर्ट जिले के कोतवाली वैढन थाना क्षेत्र अंतर्गत बलियरी इलाका इन दिनों संगठित कबाड़ी गिरोह के कारण गंभीर सवालों के घेरे में है। करीमुल्ला, सलीम और याकूब नामक तीन लोग इस गिरोह के मुख्य चेहरे बताए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इनमें से असली मास्टरमाइंड कौन है, जो इतने खुलेआम कानून को ठेंगा दिखा रहा है? अवैध कब्जा, अवैध दुकान और बढ़ती चोरियां सूत्रों के अनुसार, जिस जगह यह कबाड़ी दुकान संचालित हो रही है वह सरकारी भूमि है, जिस पर अवैध कब्जा कर पिछले कुछ महीनों से कारोबार चलाया जा रहा है। दुकान खुलने के बाद से ही बलियरी क्षेत्र में बंद पड़ी कंपनियों, प्लाजा और अन्य औद्योगिक परिसरों से स्क्रैप चोरी की घटनाओं में अचानक इजाफा हुआ है। यह महज संयोग है या फिर किसी बड़े नेटवर्क की साफ झलक? करीमुल्ला का आपराधिक इतिहास जानकारी के मुताबिक करीमुल्ला पर पहले भी NCL के करोड़ों रुपये के स्क्रैप चोरी के आरोप लग चुके हैं। साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रसोई से बर्तन चोरी के मामले में उसका नाम सामने आ चुका है, जिसके बाद वह जेल भी गया था। इतने गंभीर मामलों के बावजूद उसका मुख्यालय के संवेदनशील क्षेत्र में कबाड़ दुकान चलाना प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। NTPC विंध्याचल की राखड़ पाइपलाइन पर वार बलियरी से गुजरने वाली NTPC विंध्याचल की राखड़ पाइपलाइन इस गिरोह के निशाने पर रही है। सूत्र बताते हैं कि रात के अंधेरे में पाइपलाइन काटकर स्क्रैप निकालने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। हाल ही में स्टेज-3 और स्टेज-4 के बीच करीब 30 फीट पाइपलाइन काट दी गई थी, लेकिन समय रहते CISF की गश्ती टीम मौके पर पहुंच गई, जिससे आरोपी कटा हुआ पाइप छोड़कर फरार हो गए। CISF पर पथराव—कानून को खुली चुनौती बताया जा रहा है कि इससे पहले भी CISF की गश्ती टीम पर पथराव जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनकी शिकायत दर्ज है। यह दर्शाता है कि गिरोह को न कानून का डर है, न सुरक्षा एजेंसियों का। प्रशासनिक चुप्पी पर उठते सवाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों का खुला कारोबार औद्योगिक संपत्तियों पर लगातार हमले सुरक्षा बलों से सीधी भिड़ंत इन तमाम तथ्यों के बावजूद अब तक ठोस और निर्णायक कार्रवाई क्यों नहीं हुई—यह सवाल आमजन के मन में गूंज रहा है। ⚠️ अब नहीं जागा प्रशासन तो बढ़ेगा खतरा बलियरी का यह मामला सिर्फ कबाड़ चोरी का नहीं, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा, सार्वजनिक संपत्ति और कानून-व्यवस्था से जुड़ा गंभीर विषय बन चुका है। जरूरत है कि जमीन की वैधता, दुकान की अनुमति, आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड और पाइपलाइन कटाई—हर पहलू पर उच्चस्तरीय जांच हो। वरना बलियरी में यह कबाड़ी गिरोह यूं ही कानून को चुनौती देता रहेगा, और असली सरगना पर से पर्दा कभी नहीं उठ पाएगा।