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मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली के आवो हवा में घुलता जहर

मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली के आवो हवा में घुलता जहर

सिंगरौली

मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली के आवो हवा में घुलता जहर,

लोगो की जिंदगी पर काला ग्रहण

मध्यप्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली की आवो हवा में जहर घुलाता जा रहा है, सिंगरौली वालों की हर सांस मौत की ओर बढ़ती नजर आ रही है, यहां के लोग कोयला खाते है, पीते है और इसी में जीते है, जिस वजह से सिंगरौली के लोग कई गंभीर बीमारियों के चपेट मे आ चुके है। दमा, बीपी , शुगर, कैंसर,जैसी बीमारियां यहां के लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है. यहां की हवा शहर के लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है.

सिंगरौली जिले से बिजली व कोयले का उत्पादन किया जाता है, काले हीरे के साथ यहां की जमीन से सोने के उत्पादन की भी तैयारियों में सरकार लगी है, प्रदेश को इंदौर के बाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला माना जाता है, यहीं करण है कि यहां के लोग अब पलायन को मजबूर है, यहां की हवा में जहर घुलता जा रहा है , जिससे लोगों को सांस लेने में काफ़ी दिक्कत आ रही है, सिंगरौली जिले की हवा ,पानी सब जहरीली हो गई है, यहां के लोगों की जिंदगी कोयले सी काली हो गई है । यहां तक की सीधी सिंगरौली सांसद रीति पाठक ने भी यह माना है कि सिंगरौली के लोग तो कोयला खाते है, कोयला पीते है, और कोयले में जीते है, विकास के इस उजाले में लोगों की जिंदगियां अंधेरे में जाति नजर आ रही है।

प्रदूषण का बढ़ता ग्राफ

सिंगरौली जिला बिजली व कोयले के उत्पादन के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रदूषण के मामले में भी सिंगरौली जिला देश के टॉप टेन की सूची मेंशुमार हो चुका है । बीते एक दशक से सिंगरौली जिले का प्रदूषण लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है भले ही सरकारी आंकड़े कुछ बताए लेकिन जमीनी हकीकत को देखकर आप दंग रह जाएंगे यहां की सड़को पर कोयले की काली धूल दिखाई देती है , सड़कों के किनारे खड़े वहां भी काले हो चुके हैं क्योंकि इन पर कोयले के डस्ट की एक परत चढ़ चुकी है, लोगों के घरों की तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कोयले की परत किस तरह घरों और गाड़ियों पर जम गई है, सड़को पर कोयले से लोड वाहन दौड़ते है, कोयले की काली धूल का गुब्बार भी हवा में घुल कर हवा को जहरीला बना दिया, यहां के लोग जब सांस लेते है तो उनके नाक से भी कोयले के कण दिखाई देते है ।

स्थापित उद्योग

सिंगरौली जिले में 11 पावर प्लांट, 16 कोल माइन्स, 10 केमिकल कारखाने, 8 एक्सप्लोसिव, 309 क्रेशर प्लांट और स्टील, एल्युमिनियम के उद्योग हैं।

प्रदूषण से बीमारियों की चपेट में लोग

CMHO एन के जैन के मुताबिक सिंगरौली में प्रदूषण जनित बीमारियों जैसे सर्दी-खांसी, फेफड़ों और सांस से संबंधी, ब्लड की सप्लाई बाधित होना, दमा आदि के ज्यादा मरीज हैं। पावर प्लांट और कोल माइंस की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है यही कारण है कि सिंगरौली जिले के लोग लगातार बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं

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