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SINGRAULI – पैमाना ना नाप मेरे प्यास का पुरा इलाका ही नसे में ना बहके तो क्या मतलब मेरे रहने का! यह कहावत गोरबी शराब तस्करों पर एकदम परफेक्ट से बैठती है

SINGRAULI – पैमाना ना नाप मेरे प्यास का पुरा इलाका ही नसे में ना बहके तो क्या मतलब मेरे रहने का!
यह कहावत गोरबी शराब तस्करों पर एकदम परफेक्ट से बैठती है

आगे बताते चले कि सिंगरौली जिले के गोरबी में शराब माफियाओं का हौसला इतना बुलंद है की एक साइड जिले के कप्तान महोदय नशे पर अभियान चलाकर नशे की कमर तोड़ना चाहते हैं लेकिन इन माफियाओं का हौसला कप्तान साहब के इरादों पर भारी पड़ता दिख रहा है क्योंकि गोरबी के ठेले से लेकर गांव की किराना दुकानों तक अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है जिसके कारण युवा पीढ़ी नशे की आदि बनती जा रही है जिस की सबसे बड़ी जिम्मेवारी शराब माफियाओं की है जिन बच्चों के हाथ में किताब होनी चाहिए उनके हाथों में शराब की बोतले हैं एक चीज समझ के बाहर है इन शराब माफियाओं का हौसला इतना बुलंद क्यों है किसके सरपरस्ती में शराब का अवैध धंधा दिन दूना रात चौगुना की तर्ज पर तरक्की करता जा रहा है अगर इसी तरह चलता रहा तो विद्यालय की जगह पर मदिरालय खोलनी पड़ेगी अगर इन सब से बचाना है तो पुलिस प्रशासन को और चौकस तरीके से इन शराब माफियाओं की कमर तोड़नी पड़ेगी अन्यथा हमारा युवा समाज पूरी तरह से नशे में लिप्त हो जाएगा जिसके कारण आगे का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है!

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