टै्रक्टर रेत के उत्खनन,परिवहन में जुटे,रातभर का दर फिक्स
जुलाई महीने से ही अवैध रेत कारोबारियों को पुलिस से हरी झण्डी मिली हुई है। गढ़वा , चितरंगी, माड़ा, सरई, जियावन थाना क्षेत्र में इन दिनों रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन करने वालों को किसने छूट दे दिया है। इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
गौरतलब हो कि चितरंगी थाना क्षेत्र के गांगी, धरौली, कोरसर, बर्दी एवं गढ़वा के देवरा,मिसिरगवां, खटाई के सोन सेंचुरी सोन नदी तथा माड़ा, जियावन एवं सरई क्षेत्र के नदियों से व्यापक पैमाने पर इन दिनों रेत का उत्खनन, परिवहन चल रहा है। गढ़वा थाना क्षेत्र में जहां पंच का जलवा है। वहीं जियावन एवं चितरंगी, माड़ा में भी खाकी बर्दी के संरक्षण में रात-रात भर टै्रक्टर रेत के उत्खनन एवं परिवहन में लगे हुए हैं। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि यह कारोबार जुलाई महीने से धड़ल्ले के साथ चल रहा है। जिसकी जानकारी थाना के इंचार्ज को भली-भांति है। फिर भी शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। उधर गढ़वा, चितरंगी क्षेत्र में सोन घडिय़ाल अमला भी मिला हुआ है।
आरोप है कि पुलिस एवं सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य अमले के संरक्षण में रेत का गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है। साथ ही जियावन, माड़ा, सरई के रेत कारोबारी इन दिनों पूरी रात उत्खनन एवं परिवहन में लगे रहते हैं। हालांकि जियावन थाना निरीक्षक विहीन हो गया है और यहां का प्रभार उप निरीक्षक के पास है। जियावन थाना से चंद कदम दूर पुलिस अनुविभागीय दफ्तर भी है इसके बावजूद रेत कारोबारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। फिलहाल जिले में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर खाकी बर्दी की कार्यप्रणाली पर लोगबाग भी तरह-तरह के सवाल करते हुए ऊंगलियां उठा रहे हैं और गणमान्य नागरिक ही दबी जुबान में बोलने लगे हैं कि जिले में अवैध कारोबारियों का लगातार खाकी बर्दी पर दबाव बनता जा रहा है।
जियावन थाना क्षेत्र में नशा,चोरी के कारोबार पर नहीं लग रहा अंकुश
देवसर 2 अगस्त। थाना जियावन अंतर्गत इन दिनों आपराधिक गतिविधियों में इजाफा हो रहा है चाहे वह नशे का कारोबार हो या रेत का अवैध उत्खनन या फिर चोरी छिनारी के मामले हो इत्यादि अपराधों में अंकुश लगने के बजाय दिनों-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है जो कि क्षेत्र के संभ्रांत नागरिकों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं। बता दें कि सिंगरौली जिले के थाना जियावन अंतर्गत विगत कुछ दिनों से आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होते दिखाई देरही है। जिसकी वजह से पुलिस का ढुलमुल रवैया तथा कुछ कर्मचारियों कि खाऊ-कमाउ नीति की वजह से पुलिस और अपराधियों के बीच की दूरी घटती नजर आ रही है। जबकि जिले में नए पुलिस कप्तान के पदस्थ होने से यहां के लोगों में काफी उम्मीद जगी थी कि अब अपराधियों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा और यहां का संभ्रांत नागरिक अपने आप को निर्भीक और सुरक्षित महसूस करेगा, किंतु ऐसा होते दिखाई नहीं दे रहा है।