Sidhi: पारदर्शिता को ठेंगा दिखा रही जिला प्रशासन की तबादला नीति,10 वर्ष से एक ही जगह पर जमें कर्मचारियों का नहीं हुआ फेरबदल
सिर्फ उन्हीं का हुआ तबादला जिन पर माननीयों की नजर
सीधी : जहां एक और राज्य शासन द्वारा थोक में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले करती है वहीं जनपद पंचायतों में पदस्थ शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी कई वर्षों से अंगद के पैर की तरह कई कार्यालयों में जमे हुए हैं। इन पर स्थानांतरण नीति तो लागू है लेकिन इनको टस से मस करने में अधिकारियों को पसीना छूट रहा है और यही अधिकारी-कर्मचारी शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं पर पलीता लगाने से नही चूक रहे हैं।
बता दें कि 14 सितंबर को विकास आयुक्त उमाकांत उमराव ने सभी सीईओ को निर्देशित किया था कि मनरेगा योजना अन्तर्गत संविदा पर जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों में पदस्थापना एक ही स्थान पर 5 वर्ष से अधिक हो चुकी है,जनपद स्तर पर 7 वर्ष से अधिक हो चुकी है उनका जिले के अंदर कलेक्टर के अनुमोदन से पदस्थापना परिवर्तन किया जावे। जिन्हे जिले से बाहर स्थान परिवर्तित किया जाना है उनका प्रस्ताव परिषद मुख्यालय भेजा जावे एवं जिला-जनपद स्तर पर पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त गंभीर शिकायत-वित्तीय अनियमित्ताओं से संबंधित शिकायतों के प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये जाने पर स्थान परिवर्तन प्रस्ताव प्रेषित करना सुनिश्चित करें। लेकिन जिले में अभी तक ऐसा फेरबदल देखने को नही मिला है। वैसे भी भोपाल के आदेशों के यहां के अधिकारी मानते भी नही है अगर ज्यादा हुआ तो गुमराहपूर्ण प्रतिवेदन भोपाल भेज दिया जाता है।
जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में वर्षों से अधिकारी-कर्मचारी कुंडली मारकर बैठे हुए है। कुछ तो स्थानीय कर्मचारी भी है जो लोकल होने का फायदा उठाने के साथ-साथ अपनी राजनीतिक पकड़ भी मजबूत रखते है व योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में आसानी से ग्रहण लगाते हैं।
ये कर्मचारी लंबे समय से पदस्थ
जनपद से जुड़े लोगों द्वारा बताया गया कि दर्जन भर से ज्यादा कर्मचारी ऐसे है जो 10 वर्ष या उससे अधिक एक ही स्थान पर डटे रहकर योजनाओं पर ग्रहण लगा रहे हैं।
बताया गया कि सीधी जनपद में प्रमोद कुमार खरे सहा वर्ग-2 सह लेखापाल,समर बहादुर सिंह सहा वर्ग-3,राजेश्वर सिंह सहा वर्ग-3,रोहणी पाण्डेय सहा वर्ग-3,रमाकांत यादव वि. समन्यवयक स्वच्छ भारत मिशन,धीरज सिंह सहायक लेखाधिकारी मनरेगा,प्रिया गुप्ता कंप्यूटर ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक आवास सहित कई अन्य कर्मचारी है जो लंबे समय से एक ही स्थान पर कुंडली मारकर बैठे हुए है।
नियम विरूद्ध दे दी गई डीपीसी
सीधी जनपद में दो कर्मचारियों को नियम विरूद्ध डीपीसी का लाभ देकर पदोन्नति कर दी गई है। सूत्रों द्वारा बताया गया कि राजेश सिंह सेंगर की नियुक्ती डेलीवेज में की गई थी लेकिन इनको नियम विरूद्ध तरीके से डीपीसी देकर पदोन्नति का लाभ दे दिया गया है वहीं रोहणी पाण्डेय की नियुक्ती 2016 में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर की गई थी इनको भी नियम विरूद्ध तरीके से डीपीसी देेकर लिपिक बना दिया गया है। बताया गया कि सीधी जनपद में सभी नियमों को ताक पर रखकर पदोन्नति एवं वेतनबृद्धि का लाभ दिया जा रहा है जो जांच का विषय है।