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सिंगरौली ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों की भरमार।- इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज़

सिंगरौली ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों की भरमार।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी एनके जैन के कांप रहे हैं हाथ बंगाली डॉक्टर पर कार्यवाही करने पर।

बंगाली डॉक्टरों के द्वारा जनरल दवा देकर बड़े-बड़े बीमारियों का ठीक करने का कर रहे दावा।।

सिंगरौली जिले में देखा जाए तो बंगाली डॉक्टर इस तरह छाए हुए हैं कि एमबीबीएस डॉक्टर जिला चिकित्सालय में बैठे डॉक्टरों को भी फेल करने में तुले हुए हैं हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था जिसमें सीएमएचओ एनके जैन से वीडियो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जी हां यह वीडियो सत्य है और जो संचालित बंगाली डॉक्टर की क्लीनिक चल रही है वह अवैध रूप से संचालित थी जिस पर जांच भी हुआ लेकिन क्या कार्रवाई हुई इसकी अभी तक लोगों को भनक तक नहीं लग पाई है वही चौराहे की चर्चाओं में यह भी चल रहा है कि जिला चिकित्सालय अधिकारी एनके जैन की मिलीभगत से ही यह बंगाली डॉक्टर की क्लीनिक चल रहे थे नहीं तो क्या मजाक की जांच के बाद अवैध क्लीनिक पाने के बाद भी अभी तक कार्यवाही करने से जैन साहब पीछे हटते चर्चाएं तो यह भी चल रही है कि जैन साहब को पक्का है कि चलो ठीक चढ़ी होगी तभी तो अभी तक ऐसी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जो की वीडियो घर की वायरल हो रही है और यह कहीं और जाकर कार्यवाही कर रहे हैं वह भी कार्रवाई ऐसी है कि बंगाली डॉक्टर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि जिस तरह से वीडियो वायरल हो रही थी सोशल मीडिया में वहां पर साफ तौर से देखा जा रहा था कि घर में जिस तरह उपचार चल रहा है बंगाली डॉक्टर की तो चांदी ही चांदी है नौगई चमेली मोर के पास हो माडा हो या सिंगरौली जिला में तो झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों की दुकानें दिनों दिन बढ़ती जा रहीं हैं। इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। सिंगरौली जिले में जगह-जगह बिना रजिस्ट्रेशन वाले डॉक्टर क्लीनिक चला रहे हैं। इतना ही नहीं क्लीनिकों के नाम बड़े शहरों के क्लीनिकों की तर्ज पर रखते है,
• जिससे लोग आसानी से प्रभावित हो जाते है। मरीज अच्छा डॉक्टर समझकर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है। कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है। फर्जी डॉक्टरों के लिए यह धंधा काफी लाभदायक है। मरीजों को लुभाने के लिए बड़े डॉक्टरों की तर्ज पर जांच करवाते हैं और जांच के आधार पर मरीज का इलाज करते हैं, जिससे मरीज को लगे कि डॉक्टर सही हैं एवं उनका इलाज सही तरीके से किया जा रहा है। सिंगरौली जिले में लगभग हर गली में एक-दो फर्जी क्लीनिक चल रहे हैं। फर्जी डाक्टरों ने इस धंधे को और लाभदायक बनाने के लिए, सिंगरौली जिले के कुछ निजी अस्पतालों से भी सांठगांठ कर रखी है। मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने पर सिंगरौली जिले के किसी भी अस्पताल में भेज देते हैं, जहां से उन्हें कमीशन के तौर पर फायदा होता है। फर्जी बागली डॉक्टरों का नौगई में ही नही बल्की ग्रामीण क्षेत्रों में भी धंधा फल-फूल रहा है। फर्जी डॉक्टर ग्राम स्तर पर शाखाएं जमाए हुए हैं और बड़े डॉक्टरों की तर्ज पर सप्ताह में चार दिन बिना संसाधनों के क्लीनिक चलाते हैं। बंगाली फर्जी डॉक्टर वहीं दवा लिखते है जिनमें उन्हें कमीशन मिलता है। अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते है कि बंगाली फर्जी डॉक्टरों के इलाज से मरीज की जान पर आफत आ जाती है और फर्जी डॉक्टर अपने बचाव के लिये किसी अस्पताल के लिए रेफर कर देते है। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को इनकी भनक तक नहीं है कि क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों द्वारा कितने बिना पंजीकरण के क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। यदि शीघ्र ही बंगाली फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इनकी संख्या बड़ी तादाद में बढ़ जाएगी और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे आम जनमानस को फर्जी बंगाली डॉक्टर के चुंगल में फसने से बचाया जा सके।

इनका कहना है

Cmho एनके जैन के पास जब बंगाली डॉक्टरों के द्वारा चलाई जा रही है अवैध क्लीनिक के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने फोन काट दिया।

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