ज्यादा उपज देने वाले गेहूं की किस्म 107 जाने
भारत को पूरी दुनियाँ में गेहूँ उत्पादन के क्षेत्र में दूसरा स्थान प्राप्त है खरीफ की फसल की कटाई के तुरंत बाद ही किसान रबी की फसल की तैयारी शुरू कर देते है रबी की अनेक फसलों में से गेहूँ एक प्रमुख फसल मानी जाती है इसलिए किसान गेहूँ के उत्पादन के समय अधिक ध्यान रखता है पिछले 4 दशकों में भारत को गेहूँ के उत्पादन में महारत हासिल है वर्ष 1964-65 में जहाँ गेहूँ का उत्पादन 12.26 मिलियन टन था, वही वर्ष 2019-20 में उत्पादन बढ़कर 107.18 मिलियन टन के शिखर तक पहुंच गया |
देश में अधिक जनसँख्या वृद्धि होने के कारण गेहूँ के उत्पादन व उत्पादकता में निरंतर वृद्धि की आवश्यकता होती है देश में सभी लोगो को नियमित रूप से अनाज प्राप्त हो इसके लिए किसान द्वारा फसल का उत्पादन उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके खेती की जा रही है फसल की अच्छी उपज हो इसके लिए किसानो द्वारा उत्तम किस्मो को उपयोग में लाया जा रहा है इस पोस्ट में आपको गेहूं की उन्नत किस्में,से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है
गेहूँ की उन्नत किस्मे (Wheat Improved Varieties)
क्षेत्र की सिफारिश – एनईपीजेड (पूर्वी उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश , बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानी इलाके)
देर से बोई गई, सिंचित स्थितियां
बीज उपज – 41.30 क्विंटल/हेक्टेयर
संभावित उपज – 68.7q/ha
पौधे की ऊंचाई – 89 सेमी (86-91 सेमी)
परिपक्वता (दिन) – 109
भूरे रस्ट के लिए प्रतिरोध और टर्मिनल गर्मी के प्रति सहिष्णु