ग्वालियर | मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश से ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सीएम ऑफिस का कर्मचारी बनकर एक शातिर ठग ने सस्पेंडेड डिप्टी कलेक्टर को विभागीय जांच में सजा कम कराने का झांसा दिया और करीब तीन लाख रुपये की ठगी कर ली। ▶ सीएम ऑफिस का कर्मचारी बनकर फंसाया ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र की न्यू अशोक कॉलोनी में रहने वाले अरविंद सिंह माहौर मुरैना के सबलगढ़ में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार 19 सितंबर 2025 की रात करीब 8:17 बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसे उन्होंने रिसीव नहीं किया। ▶ ट्रू कॉलर पर दिखा सीएम पोर्टल का नाम इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को सीएम पोर्टल ऑफिस से बताकर कलेक्टर को फोन किया और कहा कि डिप्टी कलेक्टर कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। कलेक्टर से बातचीत के बाद उसी व्यक्ति का फोन दोबारा आया। ट्रू कॉलर पर जांच करने पर नंबर पर “सीएम पोर्टल – अश्विनी” नाम दिख रहा था। ▶ सजा कम कराने का झांसा देकर ठगी फोन रिसीव करने पर आरोपी ने अपना नाम अश्विनी बताते हुए कहा कि वह सीएम ऑफिस का कर्मचारी है और डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई में सजा कम करा सकता है। झांसे में आकर अरविंद सिंह माहौर ने 19 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच अलग-अलग समय पर आरोपी द्वारा बताए गए अलग-अलग नंबरों पर करीब 2 लाख 95 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। ▶ शक होने पर खुला ठगी का राज इसके बाद भी आरोपी लगातार पैसों की मांग करता रहा। शक होने पर जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सीएम ऑफिस में अश्विनी नाम का कोई कर्मचारी ही नहीं है। जब अरविंद सिंह ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने बातचीत बंद कर दी, जिसके बाद थाटीपुर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई गई। ▶ सस्पेंड हैं डिप्टी कलेक्टर अरविंद सिंह गौरतलब है कि अरविंद सिंह माहौर को महिला से अभद्रता करने और छह पटवारियों का नियम विरुद्ध ट्रांसफर करने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। ग्वालियर निवासी एक महिला ने अपनी बेटी को फोन पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए जनसुनवाई में वीडियो सहित शिकायत दर्ज कराई थी। ✍️ रिपोर्ट: विशेष संवाददाता