सिंगरौली – मटिया गांव में 15 दिनों से पानी की किल्लत ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली गुल, ज़िम्मेदार अधिकारी व प्रतिनिधि है मौन।
सिंगरौली:ग्रामीण इलाकों में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से ग्रामीण परेशान हैं। तहसील कार्यालय से 16 किलोमीटर दूर मटिया गांव में बीते 15 दिनों से बिजली नहीं है। जिससे यहां ब्लैकआउट की स्थिति निर्मित हो गई है। जिम्मेदार विभाग के अधिकारी ग्रामीणों की समस्या को नहीं समझ रहे हैं। ट्रांसफार्मर खराब होने के चलते लगभग सैकड़ों की आबादी वाला यह गांव अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर हो गया है। नदी नरवा के खराब पानी पी रहे हैं रोड ना होने के कारण टैंकर से भी पानी नहीं मिल पा रहा है वहीं विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा अब तक सुधार कार्य नहीं किया गया है। विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया है।
जेई सुन रहे न जिले के अधिकारी
ग्रामीण राजकुमार यादव, मोहन लाल, बिहारी लाल, नारायण यादव, व समस्त उपभोक्ताओ ने बताया कि गांव में 15 दिनों से ब्लैकआउट की स्थिति है। गांव में बिजली नहीं है इसको लेकर किसी भी जिम्मेदार को कोई सरोकार नहीं है। शिकायत करने पर जेई ग्रामीणों का फोन भी नहीं उठाते। ग्रामीण अंधेरे में अपनी रातें गुजार रहे हैं। ग्रामीणों और किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है। इस गंभीर समस्या पर जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे।
ग्रामीणों द्वारा जब इस बात की शिकायत गन्नई क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य रामधनी यादव से की गई तो उन्होंने भी मौके से पंकज पांन्डे जेई को फोन लगाया, और ट्रांसफॉर्मर लगाने की बात कहे लेकिन जेई द्वारा जनपद सदस्य का भी बात नकार दिया गया। इसके अलावा और कई प्रतिनिधियों को सूचित किया गया लेकिन उनकी सरकार होते हुए भी नहीं लगावा पा रहे ट्रांसफार्मर उपभोक्ताओं ने सूचित करने वाले प्रतिनिधियों का नाम भी दर्शाने के लिए कहा देवसर विधायक प्रतिनिधि सुभाष रामचरित वर्मा, सीधी सिंगरौली सांसद रीति पाठक, देवसर पूर्व विधायक राजेंद्र मेश्राम जी को भी उपभोक्ताओ द्वारा सूचित किया गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार होते हुए भी भारतीय जनता पार्टी के नेता नहीं लगा पा रहे ट्रांसफार्मर,,
जनप्रतिनिधियों का भी नहीं सुनते विद्युत विभाग के अधिकारी
जनपद पंचायत सदस्य रामधनी यादव ने बताया कि अधिकारियों का रवैया बहुत ही उदासीन है। लगभग 14 दिनों से जेई को फोन लगाया जा रहा है लेकिन वे समस्या दूर करना तो दूर फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अधिकारी जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं कर रहे तो आम जनता का क्या हाल होगा। मटिया के सैंकड़ों लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों व देवसर विधानसभा के विधायक को शायद ग्रामीणों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। तभी तो इस तरह से जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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