स्वास्थ्य शिक्षा में बदलाव होना चाहिए- मनीष पांडेय
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अपने देश में मोदी सरकार 2014 से सत्ता पर काबिज है और मोदी सरकार ने कई तरह की योजनाओं को देश में प्रभावी ढंग से सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई किंतु इस समय जब भारत सबसे बड़े चक्रव्यूह में फंसा है एक साइड चाइना और पाकिस्तान एवं अमेरिका के सहयोगी पश्चिमी देश आए दिन भारत को हर तरह से घेरने की जुगत में लगे रहते हैं मुंह पर तो देश की तारीफ करेंगे मंच बदलते ही सुर बदल जाते हैं जहां एक साइड अमेरिका भारत को यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को लेकर हमेशा शक सुबह वाला काम करता है तो दूसरी तरफ इकोनामी बूस्ट करने के लिए भारत का मित्र बनने का दिखावा करता है मोदी सरकार को इन सब चीजों से ऊपर उठकर अपने देश की आवाज को और बुलंद करने की जरूरत है जिसमें प्रमुख रुप से शिक्षा व स्वास्थ के उपर काम करने की जरूरत है !
शिक्षा- अगर देश में प्रतिभाओं के बारे में देखें तो हमारे देश में प्रतिभाओं की कहीं कमी नहीं है प्रतिभा एकदम कब तोड़ती हैं शिक्षा इतना महंगा हो चुका है कि गरीब वर्ग के बच्चों के सपने में ही अच्छे अच्छे सपने बनकर टूट जाते हैं अगर भारत सरकार शिक्षा पर प्रमुख रूप से शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए इसे कहीं न कहीं बहुत बड़ी सर्जरी की जरूरत है जिससे आने वाले दिनों में हमारा देश इतना बड़ा तरक्की करेगा कि जो राजनीतिक पंडित है उन्होंने कभी सोचा तक नहीं होगा क्योंकि भारत देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है हमारे देश का युवा आज हर सेक्टर में भारत का झंडा गाड़ रहा है और हम इस से भी तेज जा सकते हैं अगर हमारे देश में शिक्षा मुक्त प्रदान की जाए
स्वास्थ्-देश में कितनी समस्याओं को झेलते हुए कोरोना जैसी महामारी के बाद लोगों को स्वस्थ रखना बहुत ही जिम्मेदारी वाला कदम था परंतु इसमें अब एक बहुत बड़ी सर्जरी की जरूरत है क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए निचले तबके के मध्यमवर्गी परिवारों को स्वास्थ्य महंगा होने के कारण बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है अगर स्वास्थ्य हर तरह से मुफ्त कर दिया जाए तो हमारे देश की इकोनॉमी कुछ ही सालों के अंदर विश्व जगत की सबसे बड़ी इकोनॉमी होगी क्योंकि जब मध्यमवर्गीय परिवार के जेब में पैसे बचेंगे वह खर्च तो अपने देश की तरक्की के लिए ही करेगा!
मनीष कुमार पांडेय
जिला उपाध्यक्ष शिवसेना सिंगरौली