SINGRAULI -पीएचई विभाग देवसर: दोपहर 12 बजे तक सारी कुर्सियां खाली, कर्मचारी नदारत कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर छुपा कर लिपिक पांच दिन से गायब एक प्लैंबर के सहारे दफ्तर,एसडीओ भी दफ्तर से बाहर एसडीओ तथा लैब के दफ्तर में जड़ा ताला इंडिया टीवी एमपी तक - सिंगरौली/देवसर पीएचई अधिकारियों कर्मचारियों की देखना हो तो पीएचई विभाग के सब डिविजनल कार्यालय देवसर में जाइए वहां आपको आसानी से मनमानी एवं विभागीय कार्य प्रभावित होते नजर आ जाएगा सोमवार को करीब 12:00 बजे के आसपास पीएचई विभाग के दफ्तर में सारी कुर्सियां खाली नजर आई।एक प्लंबर राम राज द्विवेदी के सिवा दफ्तर में कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आया वहीं एसडीओ के चेंबर में ताला जड़ा था साथ ही लैब में भी बाहर से ताला लटक रहा था अब आप स्वयं अंदाजा लगाइए कि जब दोपहर के 12:00 बजे तक दफ्तर में कर्मचारी नहीं पहुंचे हैं ऐसी स्थिति में विभागीय कामकाज कैसे होता होगा यही नहीं एक और बहुत बड़ी कमी नजर आई वहां मौजूद एक कर्मचारी ने पूछने पर बताया कि कर्मचारी पंजी रजिस्टर लिपिक विनोद द्विवेदी कहीं रखकर गांव चले गए हैं दरअसल लिपिक विनोद द्विवेदी पिछले 27 अक्टूबर से गायब है 27 अक्टूबर को ही एसडीओ मोहनलाल पटेल से पूछने पर उन्होंने बताया था कि लिपिक अवकाश लेकर नहीं गए हैं और सोमवार को पांचवें दिन भी लिपिक विनोद द्विवेदी दफ्तर नहीं गए थे साथ ही पिछले 5 दिनों से कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर भी कहीं छुपा के चले गए हैं इस वजह से कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के लिए रजिस्टर नहीं मिल रहा है 12:00 बजे तक नदारद रहे सारे कर्मचारी सोमवार को दोपहर के 12:00 बजे तक एक भी कर्मचारी दफ्तर में नहीं आए थे हालांकि एक प्लंबर रामराज द्विवेदी दफ्तर में थे इनके अलावा एसडीओ मोहनलाल पटेल के बारे में बताया गया कि वे रीवा गए हुए हैं तथा समय पालक विनोद द्विवेदी पिछले 5 दिनों से अपने गांव गए हुए हैं , दफ्तर में आवक जावक सहित अन्य कई कार्यालयीन कार्य इनके जिम्मे रहता है सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी भी इन्हीं को बनानी होती है, इनके अलावा अनुसुइया गुप्ता विभाग के सब डिविजनल कार्यालय देवसर के स्टोरकीपर हैं ये भी नदारद रहे लैब में जड़ा ताला जब दफ्तर के सभी कर्मचारी मनमानी करते हुए नदारद रहते हैं तो भला लैब प्रभारी कहां पीछे हटने वाले हैं उनके भी लैब में ताला जड़ा रहा और लैब पभारी पुष्पेंद्र कोल नदारद रहे जबकि उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है सरकार ने लाखों रुपए की मशीन लगा रखी है ताकि समय-समय पर पानी का परीक्षण होता रहे और पानी की वजह से होने वाली बीमारियां ना हो लोगों को शुद्ध पानी मिले लेकिन यहां तो सिर्फ मशीनें जंग खा रही हैं दफ्तर में ताला लगा रहता है और संबंधित कर्मचारी गायब रहते हैं