भू माफिया से 1 लाख रुपए रिश्वत लेकर कानूनगो ने बिना मौके में गयें नेशनल हाईवे से सटी जमीन में कर दिया तरमीम – इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज़
अनुरोध शुक्ला
सिंगरौली : जिले में लगातार भूमियों के घोटालों के मामले में सुर्खियों में रहा है. जहाँ भूमाफिया सरकारी जमीनों को अपने और अपने परिजनों के नाम करा चुके हैं और दर्जनों गांवो के भूमि घोटालों पर EOW और लोकायुक्त पुलिस ने तहसीलदार,पटवारी और सैकड़ों लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किये हैं। यहां पटवारी आर आई, और तहसीलदार सरकारी जमीनों पर करोड़ों रुपए कमाए हैं. सरकारी जमीनों के इस खेल में भगवान दास उर्फ मुन्ना पटवा मुख्य आरोपी है. और यह राजस्व विभाग का सबसे बड़ा राजदार भी है.
दरअसल राजस्व निरीक्षक बलजीत रावत का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है वायरल वीडियो में राजस्व निरीक्षक स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि वह एसडीएम के आदेशों का पालन नहीं किया और अपने सुविधा के अनुसार वह जमीनों का तरमीम और सीमांकन करने के लिए ऑफिस में बैठकर कर तामील कर रहें हैं . राजस्व निरीक्षक का वायरल वीडियो राजस्व महकमे की पोल खोल दिया है. राजस्व विभाग में बैठे ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के चलते आए दिन विवाद और मारपीट की के मामले बढ़ गए हैं. राजस्व निरीक्षक ने एसडीएम के आदेश को रद्दी टोकरी में फेंक दिया है.
गौरतलब हैं कि देवसर तहसील के खोभा गाँव का है. जहां पहले से बदनाम भूमाफिया भगवान दास गुप्ता उर्फ मुन्ना पटवा अपनी पत्नी के नाम पर नेशनल हाईवे से दूर एक जमीन खरीदी. भू माफिया राजस्व निरीक्षक बलजीत रावत से मिलकर फर्जी तरीके से नेशनल हाईवे में जमीन को लाने के लिए फर्जीवाड़ा किया. लेकिन जब पूरा मामला एसडीएम के पास पहुंचा तो भू माफिया और राजस्व निरीक्षक के मंसूबों पर पानी फिर गया एसडीएम ने उक्त जमीन का दूसरी बार मौका मुआयना कर चौहद्दी के साथ नक्सा तरमीम का आदेश दिया. लेकिन एसडीएम के आदेश के बाद पटवारी ने फर्जी तामीली कराकर झूठा प्रतिवेदन देनें की तैयारी कर ली.
एक लाख की ली रिश्वत
राजस्व निरीक्षक बलजीत रावत स्वीकार कर रहे हैं कि एसडीएम के आदेश के बाद भी वो मौके पर नही गए और झूठा प्रतिवेदन घर बैठे दे दिए हैं.जब राजस्व अधिकारी ही भूमाफियाओं के प्रभाव में आकर ऐसा करने लगेंगे तो गरीब किसानों की जमीन लुटती रहेगी और विवाद बढ़ते रहेंगे.सूत्रों की माने तो पटवारी ने इस फर्जी तामिली के लिए भू माफिया से ₹100000 बतौर सुविधा सुन ले ली है और अब राजस्व नियमों को ताक पर रखते हुए अपने नियम के मुताबिक तमीम और सीमांकन करने की फिराक में है.