सिंगरौली: अवैध खनन को रोकने में जिले का माइनिंग विभाग नाकाम
सिंगरौली: अवैध खनन को रोकने में जिले का माइनिंग विभाग नाकाम
मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है, ऊर्जा उत्पादन की बात हो या कोयले उत्पादन में कीर्तिमान की। इस जिले ने अपनी सहभागिता देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दिनों सिंगरौली जिले में रेत के कारोबार में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, अवैध खनन माफिया की सक्रियता जिले के लोगों की परेशानी का सबब बनती जा रही है।
अगर पूरे मामले की बात की जाए तो इन दिनों जिला मुख्यालय हो या जिले की तहसील सभी जगहों पर रेत से लदे वाहनों की आवाजाही जोरों पर है। बेरोकटोक धड़ल्ले से अवैध खनन माफिया का काम चल रहा है। जिले के छोटे नाले हों या नदी समस्त प्रकार के जल स्त्रोत पर रेत कारोबार फलफूल रहा है। मोहान नदी की बात करें तो खनन माफिया पूरी तरह से अपने काम को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। ज्ञात हो कि मोहान नदी घड़ियाल के लिए आरक्षित श्रेणी में रखा गया है , बावजूद इसके अवैध खनन जोरों पर है ।
अवैध रेत खनन की बात करें तो संबंधित मामले पर जमीनी हकीकत यह है कि रेत की खदानों के आवंटित नियत स्थान पर खनन न होकर अन्य जगहों पर से रेत ट्रकों पर लोड की जाती है बाकायदा रेत लोड करने के लिए भारी भरकम मशीनो का प्रयोग आम है। धड़ल्ले से हो रहे इस काम पर स्थानीय पुलिस व माइनिंग विभाग के लोगों को जानकारी भी है । फिर भी कई शिकायतों के बावजूद प्रशासन के कानों में जूँ तक नही रेंगती ।