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SINGRAULI – डेढ़ महीने में निमोनिया व डायरिया से छ: बच्चों की मौत- इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज़

ओपीडी के दौरान रोजाना 70 से ज्यादा बच्चों का किया जा रहा चेकअप, 8 से 10 बच्चे प्रतिदिन हो रहे भर्ती-

इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज़ नेटवर्क सिंगरौली 18 दिसम्बर। जिले में डेढ़ महीने के दरमियान जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में निमोनिया व डायरिया से पीडि़त भर्ती बच्चों में से अब तक छ: बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों के बीमारी के पीछे का कारण बच्चों को ठण्ड लगना बताया गया है। वहीं जिला चिकित्सालय अभी भी समस्याओं के मकडज़ाल में घिरा हुआ है। एसएनसीयू अभी ट्रामा सेंटर में शिफ्ट नहीं हो पाया है। एक लिफ्ट मशीन मेंटीनेंस के अभाव में खराब है।
दरअसल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में पिछले डेढ़ महीने में कुल 326 बच्चे भर्ती किये गये थे। जिनमें से अब तक डायरिया व निमोनिया के कारण छ: बच्चों की उपचार के दौरान मौत हो गयी है। जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में बच्चा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक संदीप भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में बढ़ती हुई ठण्ड के कारण इन दिनों बच्चे निमोनिया व डायरिया जैसी बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। जिससे बच्चों को उल्टी-दस्त, सामान्य बुखार, सर्दी, जुकाम, कालरा, डायरिया सहित निमोनिया जैसी बीमारी से पीडि़त होकर जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। जिन्हें ओपीडी के दौरान चिकित्सक चेकअप कर गंभीर होने की स्थिति में प्रतिदिन 8 से 10 बच्चों को भर्ती भी किया जा रहा है। चिकित्सक ने आगे बताया कि पिछले 15 दिनों में तकरीबन 80 से ज्यादा बच्चों को अलग-अलग बीमारियों की वजह से भर्ती किया गया है। लेकिन इनमें सबसे ज्यादा पीडि़त बच्चे निमोनिया एवं डायरिया के ही पाये गये। मौसम के बदलते मिजाज से युवा बुजुर्ग सहित मासूम बच्चे बीमारी की चपेट में लगातार आ रहे हैं। आलम यह है कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर का बच्चा वार्ड एवं मेल वार्ड के बेड भरे हुए हैं। चिकित्सक के अनुसार बच्चों के बीमार होने के बाद उनके परिजन भी बीमारी को लेकर सतर्कता नहीं दिखाते हैं और इस दौरान जब बच्चों की तबियत ज्यादा खराब होती है तो उन्हें चिकित्सालय लाया जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। कई बच्चे तो बीमारी के दौरान सांस की इतनी प्राब्लम होती है कि उन्हें तत्काल रूप से ऑक्सीजन सिलेण्डर के माध्यम से ऑक्सीजन प्रदान करायी जाती है। चिकित्सक ने लोगों को सतर्क करते हुए सलाह दी है कि आने वाले दिनों में ठण्ड और बढ़ेगी, बड़े बुजुर्ग सहित छोटे बच्चों को उनके परिजन गर्म कपड़े पहनाने के साथ-साथ ठण्ड में बाहर ज्यादा न खेलने दें, ताकि ठण्डी से बचाया जा सके।
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लिफ्ट मशीन का अब तक नहीं कराया गया मेंटीनेंस
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए लिफ्ट मशीन लगायी गयी है। ताकि मरीजों को उपरी तलों में आने व जाने के लिए समस्याओं का सामना न करना पड़े। लेकिन लेकिन कई महीनों से रूक-रूककर चल रही लिफ्ट मशीन का व्यवस्थित रूप से अब तक मेंटीनेंस न कराये जाने से मशीन कुछ समय चलने के बाद बंद हो जाती है। जिससे गंभीर मरीजों को उपरी तलों में लाने व ले जाने के लिए परिजनों को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सूत्रों की मानें तो फिलहाल इन दिनों एक ही लिफ्ट मशीन चालू स्थिति में है। वह भी ज्यादा देर तक नहीं चलती। कई बार अस्पताल प्रबंधन ने लिफ्ट मशीन लगाने वाले संविदाकार को पत्र लिखकर मेंटीनेंस किये जाने के लिए अवगत भी कराया,लेकिन अब तक संविदाकार के द्वारा मशीन का मेंटीनेंस नहीं किया गया है।
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अब तक नहीं शिफ्ट हुआ एसएनसीयू वार्ड
पुराने जिला चिकित्सालय में संचालित एसएनसीयू वार्ड को अब तक जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में शिफ्ट नहीं कराया जा सका है। जबकि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कई बार संविदाकार को जल्द कार्य को पूरा किये जाने के निर्देश भी दिये गये थे। पूर्व कलेक्टर ने भी निरीक्षण के दौरान कई बार संविदाकार को एसएनसीयू वार्ड तैयार कर हैण्ड ओवर करने के लिए डेड लाईन भी तय की थी, लेकिन शायद अधिकारियों की बातों का असर उक्त संविदाकार पर नहीं पड़ रहा है। लिहाजा यही कारण है कि अब तक एसएनसीयू वार्ड का कार्य पूरा नहीं हो पाया है और अस्पताल प्रबंधन वार्ड को शिफ्ट नहीं करा पा रहे हैं।

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